
भोपाल। मध्यप्रदेश पिछले कुछ दिनों से नगरीय निकाय चुनावों ( mayor election bill madhya pradesh ) को लेकर सियासत गर्माई हुई है। कमलनाथ सरकार ( kamal nath govt ) चाहती है कि इस बार जनता नहीं पार्षद ही महापौर का चुनाव करें, जबकि भाजपा कहती है कि महापौर चुनने का अधिकार जनता का है और उससे यह अधिकार छीनना नहीं चाहिए। इस मुद्दे को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस पर निशाना साधा है। वे सोमवार को दोपहर में राज्यपाल रामजी टंडन से मिलकर लौटे।
मध्यप्रदेश में महापौर चुनाव बिल को लेकर कांग्रेस की सरकार और भाजपा आमने-सामने आ गई है। कांग्रेस ने महापौर बिल बनाकर राज्यपाल को भेज दिया है। इधर, बीजेपी ने भी कमलनाथ सरकार के इस बिल के खिलाफ हाईकोर्ट जाने की तैयारी कर रही है।
शिवराज ने किए तीन ट्वीट
शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को एक के बाद एक तीन ट्वीट कर कांग्रेस की कमलनाथ सरकार पर निशाना साधा। शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में महापौर, नगर निगम और नगरपालिका अध्यक्ष के सभी चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से होते आ रहे हैं। जनता के द्वारा इनका सीधा चुनाव किया जाता है जो लोकतंत्र की आत्मा को जीवित रखता है, इसे मरने नहीं देना चाहिए। जनता से उनके नगर के अध्यक्ष को चुनने का अधिकार छीनना गलत है।
कांग्रेस पार्टी की हार निश्चित है
कांग्रेस पार्टी की हार निश्चित है, पराजय के डर से ही उनके नेता प्रदेश में महापौर, नगर निगम और नगरपालिका अध्यक्ष के चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली द्वारा करवाना चाहते हैं ताकि वह धनबल और बाहुबल से जीत सकें। यह पूर्णतः गलत है। मेरी मांग है कि प्रत्यक्ष प्रणाली से ही चुनाव हों।
कांग्रेस को पराजय का डर
पराजय का इतना डर बैठ गया है कांग्रेस पार्टी को कि वह भोपाल नगर निगम के टुकड़े करने का कुत्सित प्रयास कर रही है। कांग्रेस हमेशा से ही वोटबैंक की राजनीति कर जनता को ठगने का काम करती आ रही है। भोपाल नगर निगम को दो हिस्सों में बाँटने के कमलनाथ सरकार के प्रस्ताव का हम विरोध करते हैं!
Updated on:
07 Oct 2019 03:45 pm
Published on:
07 Oct 2019 03:40 pm
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