20 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

किसानों के 11 सवालों के मुद्दे पर ​गुस्साए शिवराज सिंह, ट्वीट ने मचाई हलचल

Shivraj Singh - लोकसभा और राज्यसभा में बिहार में एसआईआर SIR के मुद्दे पर मंगलवार को जमकर हंगामा हुआ।

2 min read
Google source verification
Shivraj Singh's tweet angered over the issue of 11 questions of farmers

Shivraj Singh's tweet angered over the issue of 11 questions of farmers। फोटो: पत्रिका

Shivraj Singh - लोकसभा और राज्यसभा में बिहार में एसआईआर SIR के मुद्दे पर मंगलवार को जमकर हंगामा हुआ। लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सांसदों ने जोरदार नारेबाजी की और तख्तियां लेकर वेल में आ गए। बाद में आसन से दिलीप सैकिया ने सदन की कार्यवाही बुधवार तक के लिए स्थगित करने की घोषणा कर दी। राज्यसभा में भी कुछ ऐसा ही नजारा देखा गया। दोपहर में कार्यवाही शुरू होते ही स्थगित करनी पड़ी। विपक्षी सदस्य वेल में आकर नारेबाजी करने लगे जिसके बाद उपसभापति हरिवंश ने कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी। विपक्षी सांसदों के आचरण के कारण सदन की कार्यवाही स्थगित हो जाने पर एमपी के पूर्व सीएम व देश के कृषि, किसान तथा ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नाराजगी जताई। उन्होंने ट्वीट कर आरोप लगाया कि विपक्ष किसानों और गांव के मुद्दे पर चर्चा ही नहीं करना चाहता। उनके इस ट्वीट पर राजनैतिक सरगर्मी बढ़ गई।

लोकसभा और राज्यसभा बुधवार तक के लिए स्थगित कर दी गई हैं। विपक्षी सांसदों के हंगामे की वजह से यह स्थिति उत्पन्न हुई। सदन की कार्यवाही स्थगित हो जाने पर कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने चौहान ने विपक्षियों पर गुस्सा जताया। उन्होंने विपक्षी सांसदों पर किसानों व गांव के मुद्दे पर चर्चा से भागने का गंभीर आरोप लगाया।

विपक्ष अनावश्यक हंगामा कर महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा नहीं होने दे रहा

कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस संबंध में ट्वीट भी किया। उन्होंने अपने एक्स हेंडल पर लिखा-

आज संसद में कृषि और किसान तथा ग्रामीण विकास से संबंधित विषयों पर चर्चा होनी थी। प्रश्नकाल में 11 सवाल किसानों और गांव के थे। लेकिन ये बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण है कि विपक्ष अनावश्यक हंगामा कर इन महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा नहीं होने दे रहा है।

संसद लोकतंत्र का पवित्र मंदिर है। विकास और जनकल्याण के मुद्दों पर सकारात्मक चर्चा ही लोकतंत्र के प्राण हैं। लेकिन विपक्ष ने लोकतांत्रिक मर्यादाओं का पालन नहीं किया और साथ ही देश के करोड़ों किसानों का भी अनादर किया।

मैं विपक्ष से प्रार्थना करता रहा कि किसान कल्याण से जुड़े विषयों पर चर्चा होने दें। हम सवालों के जवाब देने के लिए तैयार थे और सदन के माध्यम से किसान कल्याण की योजनाएं भी रखना चाहते थे; लेकिन विपक्ष नहीं चाहता चर्चा हो।

देश देख रहा है कि कौन किसानों के साथ खड़ा है और किसका मकसद सिर्फ हंगामा खड़ा करना है।