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शिवरात्रि 2018: Maha Shivratri के ये टॉप भजन, जो आपको थिरकने पर कर देंगे मजबूर

त्‍योहार हमारे समाज और भारतीय संस्‍कृति का सबसे बड़ा और अहम हिस्‍सा हैं।

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shivratri bhajan

भोपाल। आदिकाल से ही इंसान ईश्वर की पूजा ध्यान से लेकर उसे प्रसन्न करने की हर कोशिश करता रहा है। इसी के चलते ईश्वर को प्रसन्न करने के लिए कई भजनों को भी बनाया गया।

जिन्हें भजने से जहां एक ओर मानसिक शांति का अनुभव होता है वहीं व्यक्ति धार्मिकता से ओतप्रोत होते हुए अपने में नई उर्जा का संचार भी महसूस करता है।
इसी प्रकार फिल्मे जो समाज का आइना भी कहलाती है, उनमें भी कई जगह भक्ति का समावेश देखने को मिलता है। इस आइने में हमें वही सबकुछ नजर आता है, जो हमारे समाज में और हमारे इर्द-गिर्द होता है।

जानकारों की माने तो हमारे समाज और भारतीय संस्‍कृति का सबसे बड़ा और अहम हिस्‍सा इसके त्‍योहार हैं। अब बात समाज के आइने की हो रही हो और यहां जिक्र त्‍योहारों का न हो, ऐसा कैसे मुमकिन है।

इस क्रम में हिंदी फ‍िल्‍मों में भारतीय त्‍योहारों को लेकर हर तरह के गानों को प्राथमिकता दी जाती है। प्‍यार-मोहब्‍बत, होली-दिवाली से लेकर फ‍िल्‍मों में हमारे समाज के ऐसे हर पहलू को तरजीह दी जाती है। ऐसे में आज हम शिवरात्रि के पर्व पर भला बॉलीवुड गानों को कैसे भूल सकते हैं।

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ईश्वर की भक्ति के ये भजन व बॉलीवुड में भी ईश्वर की महिमा दिखाते ये सदाबहार गाने या भजन, जो हर साल भक्तों की जुबान पर आ ही जाते हैं।

आइए गौर करें शिवरात्रि के कुछ खास भजनों पर…

1 . महाशिवरात्रि आई सुखों की रात्रि आई
महाशिवरात्रि आई सुखों की रात्रि आई
मगन मन डोले रे कहो बम भोले रे
बबम बम भोले रे ………………
बबम बम भोले रे ………………

2 . मन मेरा मंदिर, शिव मेरी पूजा,
शिव से बड़ा नहीं कोई दूजा
बोल सत्यम शिवम्, बोल तू सुंदरम,
मन मेरे शिव की महिमा के गुण गाए जा।

3 . हे शम्भू बाबा मेरे भोले नाथ,
तीनो लोक में तू ही तू
श्रधा सुमन मेरा, मन बेलपत्री,
जीवन भी अर्पण कर दूँ।

4 . शंकर मेरा प्यारा, शंकर मेरा प्यारा ।
मां री माँ मुझे मूरत ला दे, शिव शंकर की मूरत ला दे,
मूरत ऐसी जिस के सर से निकले गंगा धरा ॥

मां री मां वो डमरू वाला, तन पे पहने मृग की छाला ।
रात मेरे सपनो में आया, आ के मुझ को गले लगाया ।
गले लगा कर मुझ से बोला, मैं हूँ तेरा रखवाला ॥

5 . ऐसी सुबह ना आए, आए ना ऐसी शाम।
जिस दिन जुबा पे मेरी आए ना शिव का नाम॥
मन मंदिर में वास है तेरा, तेरी छवि बसाई।
प्यासी आत्मा बनके जोगन, तेरी शरण में आई।
ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय।

6. कैलाश के निवासी नमो बार बार हूँ,
आयो शरण तिहारी भोले तार तार तू
भक्तो को कभी शिव तुने निराश ना किया
माँगा जिन्हें जो चाहा वरदान दे दिया।

7. सुबह सुबह ले शिव का नाम,
कर ले बन्दे यह शुभ काम
ओम नमः शिवाय, ओम नमः शिवाय
ओम नमः शिवाय, ओम नमः शिवाय।

8. शिव शंकर को जिसने पूजा,
उसका ही उद्धार हुआ
अंत:काल को भवसागर में,
उसका बेडा पार हुआ।

9. आओ महिमा गाए भोले नाथ की
भक्ति में खो जाए भोले नाथ की
भोले नाथ की जय, शम्भू नाथ की जय
गौरी नाथ की जय, दीना नाथ की जय।

10. मिलता है सच्चा सुख केवल,
शिवजी तुम्हारे चरणों में।
यह बिनती है पलछिन छिनकी,
रहे ध्यान तुम्हारे चरणों में॥

11. बिगड़ी मेरी बना दो, दुःख दर्द सब मिटा दो,
दुःख सब के हरने वाले, मेरे बाबा भोले भाले,
मेरे शम्भू भोले भाले॥

12. हे शिव शंकर नटराजा,
मैं तो जनम-जनम का दास तेरा
निसदिन मैं नाम जपू तेरा
शिव शिव, शिव शिव, गुंजत मन मेंरा॥

13. चलो शिव शंकर के मंदिर में भक्तो शिव जी के चरणों में सर को झुकाए। करें अपने तन मन को गंगा सा पावन जपें नाम शिव का भजन इनके गाएं॥

14. भोला भंडारी, सांई भोला भंडारी
शिव भोला… शिव भोला…
शिव भोला भंडारी, साधु भोला भंडारी
सांई भोला भंडारी, शिव भोला भंडारी॥

15. शिव शंकर का गुणगान करो,
शिव भक्ति का रसपान करो।
जीवन ज्योतिर्मय हो जाए,
ज्योतिर्लिंगो का ध्यान करो॥

16. हे त्रिपुरारी, हे गंगाधारी, भोले शंकर
भसम रमाय, भक्त सहाए, हे कैलाश के वासी
दिखा दो छवि अविनाशी
है तेरे भक्त अभिलाषी
अंखिया दर्शन की प्यासी।

17. भोले बाबा ने ऐसा बजाया डमरू
बजाय डमरू
सारा कैलाश पर्वत
मगन हो गया …२ ।

भूलकर भी शिवलिंग पर न चढ़ाएं ये 6 चीजें…
– हल्दी: शिवरात्रि पर भगत मंदिर में हल्‍दी के जरिए भगवान शिव को टीका लगाते हैं. वैसे भी लगभग हर धार्मिक कार्य में हल्दी का प्रयेाग किया जाता है, लेकिन भगवान शिव को हल्दी अर्पित नहीं की जाती। इसका कारण है कि कि ऐसा हल्दी एक स्त्री सौंदर्य प्रसाधन में प्रयोग की जाते वाली वस्‍त है और शास्त्रों के अनुसार शिवलिंग पुरुषत्व का प्रतीक है।

– लाल रंग के फूल : आपने देखा होगा कि शिवरात्रि पर मंदिरों के बाहर खूब फूल बिकते हैं. पर क्‍या आप ध्‍यान दिया कि इन फूलों में लाल रंग के फूल नहीं होते. ज्‍यादातर गेंदा ही नजर आता है. ऐसा इसलिए कि शिवजी को लाल रंग के फूल नहीं चढ़ाते. कहते हैं कि सफेद रंग के फूल चढ़ाने से भगवान शिव को जल्दी प्रसन्न होते हैं।

– सिंदूर या कुमकुम : महिलाएं सिंदूर या कुमकुम अपने पति की लंबी उम्र के लिए लगाती हैं। कहते हैं भगवान शिव विध्वंसक के रूप में जाने गए हैं इसलिए शिवलिंग पर सिंदूर या कुमकुम नहीं चढ़ाना चाहिए। इसकी बजाए आप चंदन का इसतेमाल कर सकते हैं।

– लोटा : शिवजी पर इस बार जब आप जल चढ़ाने जाएं तो केवल तांबे या पीतल के लोटे का ही इस्‍तेमाल करें, स्‍टील या लोहे के लोटे का नहीं।

– शंख : हिंदू धर्म में शंख को बहुत पवित्र माना गया है हर पूजा-पाठ के काम में इसे बजाना और इसके जरिए लोगों को जल देना काफी शुभ माना जाता है, लेकिन कहते हैं कि शिवलिंग पर शंख से जल नहीं चढ़ाना चाहिए. ऐसा करना वर्जित माना गया है।

– तुलसी: पूजा का जो भी काम हो, उसमें तुलसी को न पूजा जाए या तुलसी का प्रयोग न किया जाए ऐसा तो हो ही नहीं सकता। शंख की तरह तुलसी को भी बेहद पवित्र माना गया है, लेकिन तुलसी को भी भगवान शिव पर चढ़ाना वर्जित है।