
shreya ghoshal in bhopal, shreya ghoshal in lal parade ground, shreya ghoshal live concert in madhyapradesh Sthapna diwas celebration, cm shivraj sang with shreya ghoshal, latest news of madhyapradesh sthapna diwas in hindi
भोपाल। एक घंटे के इंतजार के बाद रात 10.45 बजे आखिरकार वो घड़ी आ ही गई जिसका हजारों दर्शक इंतजार कर रहे थे। श्रेया घोषाल ने अपने अंदाज में दीवानी मैं दीवानी गाना गाते हुए मंच पर धमाकेदार एंट्री दी। गाना गाते हुए श्रेया ने कहा कि मैं भोपाल की दीवानी हो गई। श्रेया को जब पता चला कि सीएम भी गाने का शौक रखते हैं तो उन्होंने नदियां चले रे चले धारा पर डुएट गाया। श्रेया की भोपाल में ये दूसरी परफॉर्मेंस है।
इसके बाद श्रेया ने अपनी मधुर आवाज और चित-परिचित अंदाज में बहारा, बहारा... सुनाया तो दर्शकों में ठंड का असर खत्म सा हो गया और दर्शक भी श्रेया के साथ गाना गुनगुनाने लगे। इसके बाद जैसे ही उन्होंने जादू है नशा है... सुनाया तो दर्शक श्रेया की आवाज के जादू में मदहोश हो गए। ग्राउंड में ठंडी हवा के झोके को महसूस कर उन्होंने तू ही तो मेरी दोस्त है... पेश किया तो देर रात ग्राउंड में तालियां बजती रही। उनके हर प्रस्तुति के बाद दर्शक वन्स मोर वन्स मोर कर डिमांड करते रहे। श्रेया ने भी उन्हें निराश नहीं किया। अगले दौर में मनवा लागे... अगर तुम मिल जाओ...जैसे गीतों की देर रात तक प्रस्तुति दी।
मप्र के 62वें स्थापना दिवस के मौके पर लाल परेड ग्राउंड में आयोजित इस कार्यक्रम में श्रेया ने समां बांध दिया। स्थापना दिवस पर सांस्कृतिक कार्यक्रम की वर्ष 2005 में शुरूआत हुई थी और दिलचस्प बात यह है कि इस पहले कार्यक्रम में परफॉर्म करने श्रेया घोषाल ही आई थीं। श्रेया ने कार्यक्रम के दौरान अपनी भोपाल से जुड़ी कई यादें भी शेयर की।
चार शख्सियत को मिला मप्र गौरव सम्मान
समारोह में राज्य के गौरव के रूप में विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले व्यक्तियों का सम्मान किया गया। इसी कड़ी में अमृत लाल बेगड़, हरचंदन सिंह भट्टी, गुंदेचा बंधु और जनक पलटा को मप्र गौरव सम्मान से नवाजा गया।
कॉस्ट्यूम पर खर्च किए 5 लाख रुपए
डायरेक्टर शैलेन्द्र ने बताया कि इस शो में कॉस्ट्यूम पर करीब ५ लाख रुपए खर्च किए गए हैं। कुछ कॉस्ट्यूम टीवी से इंस्पायर्ड है जबकि बाकी के लिए मथुरा और राजस्थान में जाकर रिसर्च वर्क किया था। साथ ही प्रॉप्स में पीतल के ओरिजनल मुकुट का उपयोग किया है। वहीं इस प्ले में पांच गाने हैं जोकि खुद शैलेन्द्र ने लिखे हैं। इसे यंग म्यूजिक डायरेक्टर व कंपोजर रूपेश सवाई ने कंपोज किया है और सुरेश वाडेकर, वैशाली सामंत, प्रसन्नजीत जैसे नामी बॉलीवुड सिंगर्स ने इन्हें अपनी आवाज से सजाया है। प्ले के कोरियोग्राफर अमोल मोटेवर हैं।
बेटी परियों का रूप होती है, कड़कड़ाती धूप में सुहावनी धूप होती है
क्या लिखूं वो परिया का रूप होती है, या कड़कड़ाती ठंड में सुहावनी धूप होती है। वो होती है उदासी के हर मर्ज की दवा की तरह या उमस में शीतल हवा की तरह, वो पहाड़ में सूरज की किरण है या जिंदगी जीने का आचरण है... हास्य कवि और कलाकार शैलेष लोढ़ा ने बेटियों पर लिखी ये कविता श्रोताओं को सुनाई, लाल परेड में बैठे हर दर्शक की आंखें नम हो गई। लोढ़ा ने सीएम के अमेरिका यात्रा से लौटने पर उन्होंने एक किस्सा सुनाया। एक बच्चे ने उनसे पूछा तुम्हारे देश में क्या खास है, मैंने उस बच्चे को बताया हमारे देश में भले ही चमक, दमक, ऊंची-ऊंची बिल्डिंग, कारें न हो, लेकिन हमारे देश में संस्कार है। उनकी ऐ खुदा मुझको भी अमेरिका भेज देता, मैं भी आनंद उठाता, यहां बाप दिन में तीन बार कूटता है, कई बार तो सिर्फ मूड फ्रेश करने के लिए ठुकाई लगा देता है।
सूत्रधार बने भगवान विष्णु, मां लक्ष्मी को सुनाई कृष्ण लीला की कहानी
मप्र स्थापना दिवस के मौके पर नागपुर के ग्रुप ने नृत्य नाटिका 'श्रीकृष्ण' का मंचन किया। करीब १५० कलाकारों ने अपने अभिनय कौशल और अद्भतु नृत्य से करीब एक घंटे तक दर्शकों को बांधे रखा। नाटिका में रिकॉर्डेड म्यूजिक का प्रयोग किया गया। नाटिका की शुरूआत नारद-विष्णु संवाद से हुई। धरती पर कंस के बढ़ते अत्याचारों को रोकने के लिए ऋषि-मुनियों ने भगवान विष्णु की मदद मांगी। विष्णु ने जब कृष्ण की लीलाओं का वर्णन करना शुरू किया माता लक्ष्मी भी खुद को रोक नहीं पाई। विष्णु ने वृतांत सुनाते हुए कृष्ण जन्म की लीला सुनाई। जैसे ही कृष्ण जन्म होता है सारा गोकुल सुर में संगीत गाओ, मंगलमय गीत गाओ, आनंद उत्सव मनाओ, जय हो नंदलाल और यशोदा का लाल है, कृष्ण है गोपाल है... गाकर उत्सव मनाता है। कृष्ण जन्म से भयभीत कंस, पुताना को भेजना है। कृष्ण उनका वध कर देते हैं। इसके बाद कालियामर्दन, देव राज इन्द्र का अपमान, कृष्ण का गोवर्धन पर्वत उठाकर इन्द्र का गुरुर टूटना जैसे दृश्यों को देख दर्शक कृष्ण की लीलाओं में खो गए। कृष्ण ने जब कंस का वध किया तो दर्शकों जय श्री कृष्ण के नारे लगाने लगे। कृष्ण के गोकुल जाने से पहले राधा और गोपियों संग रास भी रचाया। जैसे ही रासलीला शुरू हुई, बंसी बजाया, रास रचाया, छोड़ मोरी बय्या... गीत पर गोपियां कृष्ण भक्ति में खो गई।
Published on:
02 Nov 2017 11:08 am
बड़ी खबरें
View Allभोपाल
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
