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इंदौर में 25 हजार युवाओं को रोजगार देने 5 हजार करोड़ का निवेश

एमपी की व्यवसायिक राजधानी और देश का सबसे स्वच्छ इंदौर अब आईटी हब बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। इसके लिए यहां दो नए आईटी पार्क का शिलान्यास भी किया जा चुका है। यहां कम से कम 25 हजार युवाओं को नौकरी या रोजगार देने की कवायद की जा रही है। हालांकि कुछ कंपनियां अपने करार से पीछे भी हट रहीं हैं लेकिन सरकार और जिला प्रशासन अपने अभियान में जुटा हुआ है।

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इंदौर अब आईटी हब बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है

एमपी की व्यवसायिक राजधानी और देश का सबसे स्वच्छ इंदौर अब आईटी हब बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। इसके लिए यहां दो नए आईटी पार्क का शिलान्यास भी किया जा चुका है। यहां कम से कम 25 हजार युवाओं को नौकरी या रोजगार देने की कवायद की जा रही है। हालांकि कुछ कंपनियां अपने करार से पीछे भी हट रहीं हैं लेकिन सरकार और जिला प्रशासन अपने अभियान में जुटा हुआ है।

इंदौर-अहमदाबाद मार्ग पर स्थापित सिंहासा आइटी पार्क पर आने वाले कुछ समय में 20 कंपनियों के काम शुरू करने की बात कही जा रही हैै। इन कंपनियों ने सिविल वर्क शुरू कर दिया है। यहां करीब 110 एकड़ इलाके में आईटी पार्क विकसित किया जा रहा है।

आइटी कंपनियों को काम करने की जगह देने के उद्देश्य से इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन और इलेक्ट्रॉनिक डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन ने सिंहासा आइटी पार्क बनाया था। शासन की तरफ से भी यहां बिल्डिंग बनाई गई है। साथ ही करीब 42 बड़ी कंपनियों को प्रतिष्ठान शुरू करने के लिए जगह दी गई।

शुरुआत में शर्त रखी गई थी कि कंपनियों को तीन साल में अपने प्रतिष्ठान शुरू करना होंगे ताकि रोजगार के अवसर भी बने। तीन साल बाद भी काम शुरू नहीं करने पर 22 कंपनियों को नोटिस भी दिया गया। विभाग के इस दबाव के बाद करीब 20 कंपनियों ने सिंहासा पार्क में प्रतिष्ठान शुरू करने के लिए सिविल वर्क शुरू किया है।

सिंहासा आइटी पार्क के विकास में देरी होने पर दो बड़ी कंपनियां अपने बड़े प्लॉट लौटा चुकी हैं। इधर अधिकारियों के अनुसार 22 कंपनियों को जगह दी गई है, लेकिन उन्होंने काम शुरू नहीं किया जिस पर इलेक्ट्रानिक डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन ने इन्हें नोटिस भी जारी किया है। जनरल मैनेजर द्वारकेश सराफ के मुताबिक, कुछ कंपनियां जल्द ही यहां से काम शुरू कर देंगी।

हालांकि विभाग के अफसरों का दावा है कि कुछ कंपनियां जमीन के लिए कतार में भी हैं। पार्क में सुविधाएं नहीं होने से कंपनियों के प्रतिनिधि पत्र भी लिख चुके हैं। पार्क में सुरक्षा की व्यवस्था नहीं है, बाउंड्री पूरी नहीं होने से नशा करने वाले सक्रिय हैं। एक पानी की टंकी है, जिससे आधा घंटा ही पानी मिल पाता है।

गौरतलब है कि इंदौर में दो आईटी पार्क का शिलान्यास किया जा चुका है। ये नए आईटी पार्क, आईटी और आईटीईएस क्षेत्र में परिवर्तनकारी साबित होंग। राज्य सरकार और जिला प्रशासन का दावा है कि इन आईटी पार्क में 25 हजार युवाओं को रोजगार मिलेगा। इसके लिए यहां 5 हजार करोड़ का निवेश किया जाएगा।