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भाई की जान बचाने एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल दौड़ती रही बहन

घायल भाई को लेकर तीन अस्पतालों में भटकी अकेली बहन

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Sister running in hospitals to save brother's life in Bhopal

Sister running in hospitals to save brother's life in Bhopal

भोपाल. भाई—बहन का नाता होता ही कुछ ऐसा है. कोलार थाना इलाके में दुर्घटना का शिकार हुए व्यक्ति की जान बचाने के लिए उसकी बहन ने तमाम कोशिशें की। यहां तक कि तीन बार अस्पताल भी बदले, हालांकि उसकी कोशिशें सफल नहीं हुई। आखिरकार बुरी तरह घायल हुए उस व्यक्ति का निधन हो गया।

इलाके के ओमनगर निवासी नंदकिशोर (48) सब्जी का ठेला लगाते थे। बीती २५ सिंतबर की शाम करीब साढ़े सात बजे वह अपने एक परिचित के साथ मोटर साइकिल से घर लौट रहे थे। कजलीखेड़ा के पास अज्ञात वाहन की टक्कर से दोनों घायल हो गए थे। दुर्घटना की सूचना पर सबसे पहले नंदकिशोर की बहन पहुंची।

बहन ने उन्हें पहले सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र और फिर वहां से हमीदिया अस्पताल पहुंचाया। हमीदिया अस्पताल में हालत बिगडऩे पर बहन उन्हें कोलार के बड़े निजी अस्पताल लेकर आई। लेकिन यहां खर्च इतना ज्यादा था कि परिवार उसे वहन नहीं कर सका। अंत में बुधवार को परिजन उन्हें फिर हमीदिया अस्पताल ले गए जहां उनकी मौत हो गई।

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पुलिस ने बताया कि बुधवार रात को नंदकिशोर की मौत हुई और पुलिस ने गुरुवार को पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद अज्ञात वाहन चालक के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया जाएगा। नंदकिशोर की भले ही मौत हो गई लेकिन उनके बहन के प्रयास की हर कोई प्रशंसा कर रहा है.