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सॉफ्टवेयर बता देगा कहां-कहां है गंदगी और इसके उपाय क्या हैं

अब सफाई में जुड़ेगी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, फोटो से बता देगा कहां ज्यादा सफाई की जरूरत, उपाय भी बताएगा। कचरा फेंकने वालों पर भी कार्रवाई की जा सकती है। प्रोग्राम फेलोज आकांक्षा सिंह, दिव्य भारती, कस्तूरी बिस्वास और सरयू मधियालगन की टीम ने ये काम किया।

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सॉफ्टवेयर बता देगा कहां-कहां है गंदगी और इसके उपाय क्या हैं

सॉफ्टवेयर बता देगा कहां-कहां है गंदगी और इसके उपाय क्या हैं

भोपाल. स्मार्टसिटी फेलोशिप प्रोग्राम के तहत आर्टिफिशियल इंटेलीजेंसी से सफाई में मददगार सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है। इसके तहत प्रोग्राम फेलोज ने इंप्रोव साॅफ्टवेयर विकसित किया जो तय स्थलों पर कचरा फेंके जाने से जुड़े फोटो से तय करेगा कि बार-बार कहां गंदगी हो रही है और किस जगह पर अधिक सफाई पर ध्यान की जरूरत है। इसके लिए डेशबोर्ड पर संकेत मिलेगा। ऐसे में सफाईकर्मियों को यहां भेजकर सफाई कराई जा सकती है, कचरा फेंकने वालों पर भी कार्रवाई की जा सकती है।

इतना ही नहीं, सॉफ्टवेयर ये भी बता देगा कि बार-बार गंदगी वाले क्षेत्रों में किस तरह के उपाय करने चाहिए, जिससे यहां लोग कचरा फेंकने से बचे। इस व्यवस्था के तहत गंदगी फैलने वाले स्थानों का पूर्वानुमान लगाना भी सम्भव है। अभी ये व्यवस्था वार्ड 43, 45, 48 और 49 के चिन्हित स्थलों पर प्रायोगिक तौर पर लगाई गई है। पायलट प्रोजेक्ट के तहत काम किया जा रहा है। प्रोग्राम फेलोज आकांक्षा सिंह, दिव्य भारती, कस्तूरी बिस्वास और सरयू मधियालगन की टीम ने ये काम किया।

प्रोजेक्ट से जुड़ी फैलो आकांक्षा सिंह ने बताया इसके लिए लगातार 20 दिनों तक सर्वे किया गया। दिन में तीन बार संबंधित जगहों पर जाकर फोटो लिए गए। टीएंडसीपी से 35 जीआईएस लेयर्स भी ली गई और बिजली कंपनी से उनके ट्रांसफार्मर्स की लोकेशन डिटेल ली गई। जोन क्रमांक नौ के एमपी नगर, अरेरा कॉलोनी, शाहपुरा में 23 जगहों को चिन्हित कर पायलट प्रोजेक्ट के तहत काम किया गया। इनकी फोटो सॉफ्टवेयर में अपलोड करने के बाद आर्टिफिशियल इंटेलीजेंसी से पता चल गया कि इनमें से कौन सी जगह पर बार-बार कचरा फेंका जा रहा है और इस स्थिति को खत्म करने क्या उपाय करना चाहिए। इस सॉफ्टवेयर को निगम के स्वच्छ ऐप व इसी तरह के शिकायत कॉल सेंटर से जोड़ दिया जाएगा। इससे यहां से प्राप्त फोटो पर ये सिस्टम काम करेगा और बार-बार गंदगी वाले स्थलों को चिन्हित कर सुधार के सुझाव देगा।