दशहरा को मनाए जाने के पीछे मान्यता है कि इसी दिन भगवान राम ने दश मुख वाले रावण को हराकर असत्य पर सत्य के विजय की प्रतिष्ठा की थी। इसलिए, इसे दशहरा तथा विजयादशमी कहा जाता है। यह हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है। इस दिन देशभर में रामलीला का मंचन किया जाता है तथा रावण के पुतले का दहन किया जाता है। साल 2019 में दशहरे का त्यौहार 08 अक्टूबर को मनाया जाना है।
शहर के ज्योतिषाचार्य पंडित जगदीश शर्मा बताते है कि धार्मिक ग्रंथों के अनुसार इस दिन भगवान राम ने रावण को मारा था। ये बात हर कोई जानता है कि देवताओं को पराजित करने वाला रावण बहुत ज्ञानी था। उसमे इताना ज्यादा अंहकार था कि वह खुद को भगवान मान बैठा था। इसी कारण से वह कुछ नियमों में परिवर्तन करना चाहता था। पंडित जी बताते है कि रावण की इच्छा थी कि वह कुछ बातों को पूरी तरह से बदल दे तो सब कुछ उसके हिसाब से होगा। अगर रावण कुछ और साल जीता तो जानिए कि वह किन चीजों में बदलाव करना चाहता था…..
– रावण का ऐसा मानना था कि अगर समुद्र के पानी को पूरी तरीके से मीठा कर दिया जाए तो घरती पर कभी भी पीने के पानी की कमी नहीं रहेगी।
– रावण चाहता था कि धरती से स्वर्ग के लिए सीढ़ी बनी हो। मरने के बाद कोई भी नरक में न जाए इसीलिए वह स्वर्ग की सीढ़ी बनाना चाहता था।
– रावण चाहता था कि खून का रंग कभी भी लाल न हो। खून का रंग सफेद हो। इसका कारण यह था कि वह अगर किसी की हत्या करता है तो किसी को भी इस बात का पता न चल सके।
– रावण शराब को पूरी तरीके से गंधहीन बनाना चाहता था। उसका मानना था कि अगर शराब गंधहीन होगी तो हर कोई इसका आसानी से आनंद ले सकेगा।
– रावण रंगभेद को पूरी तरीके से बंद करना चाहता था। उसका मानना था कि कोई भी गोरा और काला न दिखे। हर कोई एक समान दिखे।