
Actor Abhishek Banerjee in Bhopal MP to shoot his upcoming film Baaghi Bechare...
Actor Abhishek Banerjee: फिल्म की कहानी को लिट्रेचर के स्तर पर समझना मुझे थियेटर ने सिखाया। इसने मेरी इमेजिनेशन गहरी की, मुझे स्पॉटीनिटी सिखाई कि स्टेज पर अगर कुछ भूल गए तो कैसे इम्प्रोवाइस करना है। वहीं फिल्मों में आप टेक्निकल चीजें ज्यादा सीखते हैं, कैमरे के साथ खेलना सीखते हैं। यह कहना है (Exclusive Interview) एक्टर और कास्टिंग डायरेक्टर अभिषेक बैनर्जी (Actor Abhishek Banerjee) का, जो इन दिनों भोपाल में सुमित पुरोहित की फिल्म 'बागी बेचारे' (Baaghi Bechare) की शूटिंग (Shooting in Bhopal) कर रहे हैं।
Entertainment news: अभिषेक कहते हैं, कि मैं काफी खुशकिस्मत रहा हूं कि फिल्म मेकर्स मेरे पास अलग-अलग तरह के किरदार लेकर आते हैं। कभी कभार ऐसा होता है कि एक जैसे पैटर्न के रोल आए, लेकिन मोस्टली मैं वो कैरेक्टर रिपीट नहीं करता क्योंकि मुझे लगता है कि उसमें मजा नहीं आएगा। मेरे हिसाब से किरदार से ज्यादा महत्वपूर्ण है कि मैं किस कहानी का पार्ट हूं क्योंकि कहानी बढ़िया है तो मैं संतुष्ट रहता हूं कि लेखक ने उसमें किरदार भी बढ़िया लिखे होंगे।
वेदा फिल्म में मेन विलेन का रोल निभाते हुए सबसे बड़ा चैलेंज यह था कि लोग मुझे नेगेटिव रोल में एक्सेप्ट करेंगे या नहीं। मैं लोगों का शुक्रगुजार हूं कि उन्होंने मुझे वेदा के लिए इतना प्यार दिया। वेदा की शूटिंग के दौरान जॉन अब्राहम ने मुझे कॉफी हेल्थ टिप्स दिए हालांकि ये अलग बात है कि मैं उन्हें फॉलो नहीं कर पा रहा हूं। जॉन अब्राहम को देख किसी को भी प्रेरणा मिल सकती है। इस जीवनकाल में तो उनके जैसा शरीर बनाना संभव नहीं है। उनसे डिसिप्लिन का गुण सीखने जैसा है।
अभिषेक ने बताया कि मैं फिल्मों में अमिताभ बच्चन जी की वजह से आया। बचपन से ही उनकी सारी फिल्में कई-कई बार देखी। जब उनके साथ फिल्म सेक्शन 84 (रिलीज नहीं हुई हैं) की तो लाइफ सर्कल पूरा हुआ और नया जीवन शुरू हुआ। उनके साथ काम करने के बाद ही स्त्री फिल्म मिली। ये एक तरह से भगवान का आशीर्वाद था कि जिन्हें मैं गुरु मानता था, वो मुझे मिले और मेरी नई जर्नी शुरू हुई। अपने अपकमिंग प्रोजेक्ट्स की बात करूं तो अभी मैं राणा नायडू सीजन 2 कर रहा हूं। वहीं स्टोलेन फिल्म भी है।
अभिषेक कहते हैं, मेरी जिंदगी में हर चीज इत्तेफाक से हुई है। जब मैं कास्टिंग डायरेक्टर था और लोगों के टैलेंट को पहचान कर उन्हें काम दिलाता था, जब मेरे टैलेंट को देवाशीष मखीजा ने पहचाना। उन्होंने एक डार्क फिल्म अज्जी में मुझे कास्ट किया। उसके बाद अमर कौशिक ने स्त्री में जना का रोल दिया जो मेरे करियर के लिए मील का पत्थर साबित हुआ। स्त्री की वजह से ही मुझे ड्रीम गर्ल, बाला मिली। पाताललोक मिला, जिसने मुझे दूसरे तरह के एक्टर की पहचान दी।
Published on:
10 May 2025 09:35 am
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