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भोपाल सहित प्रदेश के चार शहरों में होगा वायु प्रदूषण के कारणों का अध्ययन

- रिपोर्ट के बाद प्रदूषण कम करने शहरों का बनेगा ऐक्शन प्लान- वायु प्रदूषण के कारणों का प्रदेश में पहली बार होगा अध्ययन, एआरएआई पूणे करेगी रिपोर्ट तैयार

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भोपाल

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Ashok Gautam

Nov 21, 2021

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भोपाल। भोपाल सहित प्रदेश के चार शहरों में बढ़ रहे वायु प्रदूषण के कारणों का अध्ययन होगा। यह अध्ययन ऑटोमैटिव रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एआरएआई) पूणे करेगा। मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने भोपाल और ग्वालियर में वायु प्रदूषण के अध्ययन करने के संबंध में इस संस्था को काम दे दिए हैं। जबकि इंदौर और जबलपुर शहरों में वायु प्रदूषण का अध्ययन कराने का काम स्थानीय निकायों के माध्यम से इस संस्था को दिया जाएगा।
प्रदेश में वायु प्रदूषण के कारणों पर अध्ययन एनजीटी के दिशा-निर्देशों पर पहली बार कराया जा रहा है। यह संस्था 18 माह तक शहरों के विभिन्न क्षेत्रों में वायु प्रदूषण मापक यंत्रों को लगाकर यह पता लगाएगी कि सबसे ज्यादा वायु प्रदूषण किन चीजों से हो रहा है। क्योंकि नगरीय निकायों का कहना है कि सड़कें ठीक हैं, उद्योगों में भी वायु प्रदूषण संबंधी सेंसर लगा दिए गए हैं, जो वायु प्रदूषण पर नियंत्रण करने का काम कर रहे हैं।

इसके अलावा अच्छी गुणवत्ता के वाहन बाजार में आने के बाद भी वायु प्रदूषण की दरें कम नहीं हो रही हैं। संस्थान यह पता लगाएगी कि वायु प्रदूषण कचरा जलाने, सड़कों की स्थिति खराब होने, वाहनों और उद्योगों से निकलने वाले कार्बन, फलारी जलाने, निर्माण कार्यो अथवा अन्य कारणों से वायु प्रदूषण की स्थिति में नियंत्रण नहीं हो पा रहा है। रिपोर्ट के बाद शहरों को वायु प्रदूषण कम करने के लिए पर्यावरण विभाग के जरिए गाइड लाइन उपलब्ध कराई जाएगी, जिसे शहरों को पालन कराना होगा। पर्यावरण विभाग दूसरे चरण के सर्वे में प्रदेश के संभाग स्तर के शहरों को शामिल किया जाएगा।


नॉन अटेनमेंट शहरों पर विशेष फोकस
सरकार ने प्रदूषण के मामले में सबसे ज्यादा संवेदनशील नॉन अटेनमेंट शहरों में प्रदूषण रोकने पर फोकस किया है। नॉन अटेनमेंट शहरों में प्रदेश के भोपाल, इंदौर, जबपलपुर, ग्वालियर के अलावा देवास, सागर, उज्जैन शहर शामिल हैं। इन शहरों में प्रदूषण रोकने के संबंध में कलेक्टर और कमिश्नर की अध्यक्षता में एक कमेटी भी बनाई गई है, जो समय-समय पर प्रदूषण रोकने, उसे कम करने और प्रदूषण के कारकों पर नियंत्रण लगाने के संबंध में दिशा-निर्देश देती है।