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‘आत्महत्या’ से पहले दिखते हैं ऐसे लक्षण, एक्सपर्ट्स ने बताया कैसे बचाएं अपनों की जान?

world suicide prevention day: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में तेजी से बढ़े आत्महत्या के मामले, मनोचिकित्सक ने बताए लक्षण, आत्मघाती कदम उठाने से पहले ही करें पहचान और बचा लें अपनों की जान..

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World Suicide Prevention Day

World Suicide Prevention Day: पत्रिका: (फोटो सोर्स: सोशल मीडिया)

World Suicide Prevention Day: मानसिक तनाव, पारिवारिक कहल, आर्थिक परेशानी और पढ़ाई का दबाव होने जैसी समस्याओं के कारण लोग आत्महत्या जैसे कदम उठाने की ओर बढ़ जाते हैं। राजधानी में आत्महत्या का ग्राफ तेजी के साथ बढ़ा है। पिछले दो सालों के आंकड़ों पर नजर डालें तो, राजधानी में आत्महत्या के मामलों में चौंकाने वाला इजाफा हुआ है। दो सालों में 1120 लोगों ने खुदकुशी कर ली।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, हर साल 7 लाख से अधिक लोग आत्महत्या करते हैं। 15 से 29 वर्ष की उम्र में मृत्यु का यह चौथा सबसे बड़ा कारण है। 2023-2024 में भोपाल में 1120 मामले दर्ज किए गए।

यह है मुख्य कारण (Cause of Depression, Tension)

राजधानी भोपालमें आत्महत्या के इन मामलों में सबसे मुख्य कारण मानसिक तनाव, पारिवारिक कलह, आर्थिक परेशानी, चिंता, अकेलापन, पढ़ाई का दबाव और प्रेम संबंधों में विफलता आदि है। महिलाओं के मामलों में घरेलू हिंसा, ससुराल पक्ष से विवाद और पति से अनबन भी बड़ी वजह बन रही है।

जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स

1- काउंसलिंग से रोके जा सकते हैं मामले

आत्महत्या के मामलों को काउंसलिंग से रोका जा सकता है। लोग भीतर ही दबाव को बढ़ाते हैं और फिर निराशा में आकर ऐसे कदम उठा लेते हैं। आत्महत्या जैसे कदम उठाने से पहले किसी भी इंसान के व्यवहार में बदलाव आना शुरू हो जाता है। ऐसे में उसके व्यवहार को पता करना जरूरी है। नकारात्मक बदलाव दिखाई दे, तो उस पर ध्यान रखना जरूरी है कि इसका कारण क्या है।

-डॉ. दीप्ती सिंघल, मनोवैज्ञानिक

2- गुमसुम दिखे तो करें बात, मनोचिकित्सक की लें सलाह

खुदकुशी के मामले में सबसे मुख्य कारण लोगों का अवसाद में चले जाना है। लोग किसी भी तरह के मानसिक दबाव को परिवार या फिर संबंधी से शेयर करें। लोगों से अपील है कि आसपास में कोई भी गुमसुम दिखे तो उससे बात करें और मानोचिकित्सक की सलाह लेने के लिए प्रेरित करें।

-हरिनारायणाचारी मिश्र, पुलिस कमिश्नर, भोपाल