हालांकि, जानकार इसे उल्कापिंड ही बता रहे हैं। इस बारे में जीवाजी वैधशाला उज्जैन के अधीक्षक ने भी इसे उल्कापिंड ही बताया है। उनका कहना है कि, उल्का पिंड गिरने की घटना सामान्य है। लेकिन, शनिवार शाम को गुजरा उल्कापिंड आकार में बड़ा था, यही कारण है कि, उसे लोगों ने खुली आंखों से देख लिया।
यह भी पढ़ें- कैंसर ग्रस्त ने लगाई फांसी, सुसाइड नोट में लिखा- अगले जन्म लौटकर आउंगा, इंतजार करना
करीब एक मिनट तक आसमान से गुजरती हुई निकली तेज चमकीली रोशनी
आपको बता दें कि, अबतक मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल समेत बड़वानी, बड़वाह और धार जिले के लोगों ने इस चमकती रोशनी के आसमान से गुजरने की पुष्टी की है। शाम 7 बजकर 45 मिनट पर एक तेज रफ्तार चमकता हुआ उल्कापिंड गुजरा जो करीब एक मिनट तक आसमान में दिखाई दिया। इस नजारे को कई लोगों ने मोबाइलों में कैद भी किया।इसके कई वीडियो रातभर से सोशल मीडिया पर खासा वायरल हो रहे हैं।
यह भी पढ़ें- यहां 21 साल से खुद ही जल रही है अखंड ज्योति, न कोई घी भरता है न लगाता है बत्ती, वैज्ञानिक भी हैरान
इसलिए खुली आंखों से नजर आई ये अद्भुत घटना
जीवाजी वैधशाला उज्जैन के अधीक्षक आरपी गुप्त का कहना है कि, आसमान में हर समय उल्कापिंड टूटते और गिरते रहते हैं। टूटकर गिरने से मुराद ये कि, पृथ्वी की कक्षा से बाहर लाखों करोड़ों की संख्या में उल्कापिंड गोल गोल घूम रहे हैं। इन्ही घूमते उल्कापिंडों में से कुछ घूमते हुए पृथ्वी की कक्षा में प्रवेश कर जाते हैं। पृथ्वी के मेग्नेटिजम से खिंचकर ये लाखों कि.मी प्रतिघंटे की रफ्तार धारण कर लेते हैं। यही वजह है कि, इनसे आग निकलती दिखाई देती है। गुप्त के अनुसार, अकसर उल्कापिंड वायुमंडल में प्रवेश करते ही नष्ट हो जाते हैं। लेकिन, इस बार ये आकार में बड़ा था इसलिए नष्ट होने से पहले लोगों को स्पष्ट दिखाई दिया।
गुप्त के मुताबिक उल्कापिंड में हवा के घर्षण से आग लग जाती है और इसके टुकड़े हो जाते हैं। 99 प्रतिशत ये पिंड वायुमंडल में ही जल जाते हैं इसलिए सामान्य तौर पर दिखाई नहीं देते। इसके टुकड़ों की कॉमन मार्केट में कोई वैल्यू नहीं होती लेकिन शोध के लिहाज से इसके टुकड़े दुनिया की सबसे महंगी चीज हैं।
खाट पर शव लादकर कई किमी पैदल चलीं महिलाएं, देखें वीडियो