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सुप्रीम कोर्ट पहुंचा विवाद, सिया को बायपास कर सैकड़ों अवैध पर्यावरण अनुमतियों’ पर केंद्र और एमपी को नोटिस

Supreme Court issued Notice on Illegal Environment Clearance: सिया को बायपास कर मनमर्जी पर्यावरण संबंधी अनुमतियां बांटीं, सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा विवाद, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन मंत्रालय और मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव को नोटिस जारी किया है, कोर्ट ने पूछा सिया की बैठकें क्यों नहीं कराईं, दो सप्ताह में दें जवाब

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supreme court (प्रतीकात्मक फोटो)

Supreme Court issued Notice on Illegal Environment Clearance: मध्यप्रदेश स्टेट एनवायरमेंट इम्पैक्ट असेसमेंट अथॉरिटी (SEIAA) को बायपास कर 237 अवैध पर्यावरण अनुमतियां (Illegal Environment Clearance) जारी करने पर उपजा विवाद सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (Union Ministry of Environment, Climate Change) और प्रदेश के मुख्य सचिव-प्रमुख सचिव को नोटिस जारी (Notice issued to the Chief Secretary-Principal Secretary of MP) कर दो सप्ताह में जवाब मांगा है।

कोर्ट ने पूछा- सिया की बैठकें क्यों नहीं कराईं?

कोर्ट ने पूछा, सिया की बैठकें क्यों नहीं कराई? प्रमुख सचिव ने ईसी का अनुमोदन कैसे किया? बुधवार को चीफ जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस के. विनोद चंद्रन, जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच ने भोपाल के विजय दास की याचिका पर सुनवाई की। याचिकाकर्ता के वकील सुमीर सोधी ने बताया, कोर्ट ने एमओईएफ, सीएस-पीएस को नोटिस जारी किए हैं। इधर, कोर्ट ने नोटिस जारी किया। उधर, सरकार ने पर्यावरण सचिव नवनीत मोहन कोठारी और एप्को की कार्यपालन निदेशक उमा महेश्वरी को पद से हटा दिया। अब 12 अगस्त को सुनवाई होगी।

नियम की आड़ में सदस्य सचिव ने जारी की 237 पर्यावरणीय अनुमति

सिया अध्यक्ष चौहान व पीएस नवनीत मोहन कोठारी के बीच दो माह की टकराव में 550 केस लंबित हो गए। 7 मई के बाद सदस्य सचिव उमा महेश्वरी ने बैठकें बंद कर दीं। सिया अध्यक्ष ने सदस्य सचिव-पीएस को कई पत्र लिखे, पर बैठकें नहीं हुईं। इस बीच महेश्वरी सिक लीव पर गईं। तब सदस्य सचिव के प्रभार में श्रीमन शुक्ल 237 आवेदनों में ईसी जारी कर दी। पीएस कोठारी ने अनुमोदन किया। इन आवेदनों को 45 दिन से अधिक हो चुके थे। नियम है-45 दिन में विचारण न लेने पर परियोजना प्रस्तावक सेक की अनुशंसा को ईसी मानी जाती है। इसी आड़ में ईसी जारी की। अध्यक्ष ने सवाल उठाए, कहा-पीएस को इसका अधिकार नहीं है।

कोर्ट को बताया-गलत तरीके से जारी की ईसी

कोर्ट को बताया, सिया अध्यक्ष शिवनारायण सिंह चौहान ने अप्रेल से जून तक 48 बार सदस्य सचिव, पीएस पर्यावरण, मुख्य सचिव और एमओईएफ को सिया की बैठक बुलाने और अवैध तरीके से ईसी जारी करने के संबंध में पत्र लिखे। लेकिन ध्यान नहीं दिया। ऐसा लग रहा है, जानबूझकर गलत तरीके से अनुमतियां जारी की गईं। प्रमुख सचिव पर्यावरण को ईसी के संबंध में अधिकार नहीं हैं। फिर भी सदस्य सचिव से जारी ईसी का अनुमोदन किया। सिया को बायपास कर ईसी जारी करने से पर्यावरण को गंभीर नुकसान की आशंका है।

पीएस ने सिया अध्यक्ष के चैंबर में लगवाया ताला, बात सीएम तक पहुंची तब खुला

14 जुलाई को सिया अध्यक्ष चौहान के चैंबर में पीएस कोठारी ने ताला जड़वा दिया। तब उन्होंने कहा था- बिजली फॉल्ट है। संभावित दुर्घटना से बचने को ताला लगवाया। चौहान ने ऐतराज जताया। सीएस से शिकायत की। सीएम विदेश यात्रा पर थे, उन तक भी बात पहुंची, उनके निर्देश पर चैंबर का ताला खुला।

सीएम ने की कार्रवाई

इधर मामले में विदेशयात्रा से लौटकर सीएम डॉ. मोहन यादव ने बड़ी कार्रवाई की। प्रमुख सचिव पर्यावरण नवनीत मोहन कोठारी और एप्को की कार्यपालन निदेशक उमा महेश्वरी को पद से हटा दिया। महेश्वरी अब सिर्फ भारतीय चिकित्सा पद्धति- होम्योपैथी संचालक हैं। कोठारी को राज्यपाल का प्रमुख सचिव बनाया। वहीं, राज्यपाल के एसीएस केसी गुप्ता को कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग में भेजा है। गुप्ता राजभवन से हटना चाह रहे थे। चंद्रमौली शुक्ला को अपर सचिव सीएमओ का जिम्मा भी दिया।

इन्हें अतिरिक्त जिम्मेदारी

● एसीएस वन अशोक वर्णवाल को एसीएस पर्यावरण, एप्को महानिदेशक का अतिरिक्त प्रभार।

दीपक आर्य ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण के सीईओ, कार्यपालन संचालक एप्को का अति. प्रभार।