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संकट मोचक थी सुषमा स्वराज, दिलचस्प हैं इनके राजनीति के किस्से

पत्रिका.कॉम पर प्रस्तुत हैं उनसे जुड़े वो पांच दिलचस्प किस्से जिन्हें शायद ही कोई भूल पाएगा...।

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भोपाल

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Manish Geete

Feb 14, 2023

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भोपाल। मध्यप्रदेश के विदिशा से भाजपा की सांसद रही सुषमा स्वराज को लोकप्रियता सभी जानते हैं। वे अपनी हाजिर जवाबी और किसी बात को तरीके से बोलने के कारण चर्चित रहती थीं। वे अपने भाषणों से दर्शकों को मानो सम्मोहित कर लेती थीं। 25 साल की उम्र में हरियाणा की एक लड़की कैबिनेट मंत्री बन गई थी।

patrika.com पर प्रस्तुत हैं उनसे जुड़े वो पांच दिलचस्प किस्से जिन्हें शायद ही कोई भूल पाएगा...। 14 फरवरी को सुषमा स्वराज का जन्म दिवस है और मध्यप्रदेश के दिग्गज नेता उन्हें याद कर रहे हैं।

किस्सा नंबर-1

विदेशों में फंसे लोगों की जान बचाई

2015 की बात है जब सुषमा स्वराज विदेश मंत्री थी। उस समय यमन में युद्ध जैसे हालात हो गए थे और यमन गवर्नमेंट और विद्रोहियों के बीच जंग छिड़ी थी। उन स्थिति में हजारों भारतीय भी फंस गए थे। वहां फंसे भारतीयों ने भारत सरकार से मदद मांगी। यह संदेश मिलते ही सुषमा स्वराज सक्रिय हो गई और अपने लोगों को बचाने के लिए जुट गईं। संदेश वाली रात को प्लानिंग हुई और ऑपरेशन 'राहत' बनाया गया। सुषमा ने विदेश राज्यमंत्री और पूर्व आर्मी चीफ वीके सिंह को यमन भेजा। इंडियन एयरफोर्स के विमानों ने उस देश की जमीन पर कदम रखा और अपने 4640 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला। भारतीयों के साथ ही 48 देशों के 2000 से अधिक नागरिक भी फंसे थे, उन्हें भी एयरफोर्स की मदद से एयरलिफ्ट कर लिया गया। इतनी संख्या में एयरलिफ्ट करने का यह आपरेशन दुनियाभर में याद किया जाता है।

किस्सा नंबर 2

पाकिस्तान से आजाद कराया

मुंबई के रहने वाले हामिद अंसारी कथित तौर पर ऑनलाइन दोस्त के चक्कर में एक युवती से मिलने 2012 में अफगानिस्तान के रास्ते पाकिस्तान पहुंच गए थे। बाद में बगैर वीजा के उन्हें पाकिस्तान में पकड़ लिया गया। उसे सजा सुनाई गई और सजा के तीन माह बाद तक उसे रिहा नहीं किया था। जब यह खबर सुषमा स्वराज तक पहुंची तो 18 दिसंबर 2018 को उस युवक को विदेश मंत्रालय ने उसे आजाद करवा लिया। इसके बाद हामीद के माता-पिता विदेश मंत्रालय में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मिलने आए। जहां अंसारी की मां ने कहा- 'मेरी मैडम महान'।


किस्सा नंबर 3

मूक-बधिर बच्चों को मिल गई मां

भारत की एक मूकबधिर बच्ची गीता भटकते हुए पाकिस्तान की सीमा में पहुंच गई थी। कुछ बोल नहीं पा रही थी और कुछ समझ नहीं पा रही थी। वहां उसे ईदी फाउंडेशन में पहुंचा दिया गया। जब पाकिस्तान से यह खबर आई कि एक भारतीय बच्ची गीता यहां पहुंच गई है, तो विदेश मंत्री रहते हुए सुषमा ने कहा था कि वो मेरी बेटी है और मैं उसे भारत लेकर आउंगी और उसके माता-पिता तक पहुंचाउंगी। गीता सुषमा स्वराज के जीतेजी तो भारत आ गई, लेकिन अभी उसके असली माता-पिता से मिलना बाकी था। अततः महाराष्ट्र में उसकी असली मां मिल गई और अब वो अपनी मां के साथ समय गुजार रही है।

किस्सा नंबर 4

सुषमा बोली- सिर मुंडवाकर सफेद साड़ी पहनेंगी

चुनाव होने वाले थे। केंद्र में कांग्रेस की यूपीए सरकार ने भाजपा की एनडीए गठबंधन को हरा दिया था। उस वक्त कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी सरकार का नेतृत्व करने वाली थीं। तब भाजपा सोनिया गांधी को पीएम पद पर नहीं बैठने देने पर अड़ गई थी। जगह-जगह प्रदर्शन हो रहे थे, विदेशी का मुद्दा छाने लगा था। तब सुषमा स्वराज के एक बयान ने काफी सुर्खियां बटौरी थीं। सुषमा स्वराज ने यहां तक कह दिया था कि "संसद सदस्य बनकर अगर संसद में जाकर बैठती हूं तो हर हालत में मुझे उन्हें माननीय प्रधानमंत्री जी कहकर संबोधित करना होगा, जो मुझे गंवारा नहीं होगा। सुषमा ने यह भी ऐलान किया था कि यदि सोनिया गांधी प्रधानमंत्री बन जाती हैं तो मैं सिर मुंडवा कर सफेद साड़ी पहनेंगी, भिक्षुणी की तरह जमीन पर सोएंगी और सूखे चने खाकर गुजारा करेंगी। सुषमा का यह बयान बहुत ज्यादा चर्चित हो गया था।

किस्सा नंबर 5

चुनाव के लिए कन्नड़ भाषा सीख ली

सुषमा स्वराज कर्नाटक के बेल्लारी से कांग्रेस प्रत्याशी सोनिया गांधी के सामने चुनाव लड़ रही थी। तब जनता तक अपनी बात पहुंचाने के लिए उन्होंने चंद दिनों में ही कन्नड़ भाषा सीख ली। कांग्रेस के गढ़ वाली इस सीट पर सोनिया की जीत तय थी। वे धाराप्रवाह कन्नड़ में भाषण देने लगी थीं। स्वराज ने सोनिया के खिलाफ विदेशी मूल पर मुद्दा उठाते हुए विदेशी 'बहू और देसी बेटी' का नारा दिया था। सुषमा 56 हजार से अधिक वोटों से चुनाव हारी थीं। लेकिन, उनके एक बयान से वे सभी का दिल जीत कर ले गई, जिसमें उन्होंने कहा था कि भले ही वो हार गईं, लेकिन संघर्ष उनके नाम रहा।

मुस्कुराता हुआ चेहरा याद आता है

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सुषमा स्वराज की जयंती पर उन्हें प्रणाम किया है। चौहान ने अपने ट्वीट संदेश में कहा है कि मां सरस्वती की वरद पुत्री, पूर्व विदेश मंत्री, हमारी श्रद्धेय बहन श्रीमती #SushmaSwaraj जी की जयंती है। अपने कार्यों और विचारों से देश एवं दुनिया के लोगों का दिल जीत लेने वाली, आदरणीय दीदी का आज आत्मविश्वास से मुस्कुराता हुआ चेहरा बरबस ही आंखों के सामने बार-बार आ रहा है।

चौहान ने कहा कि जब आदरणीय सुषमा दीदी बोलती थीं, तो ऐसा प्रतीत होता था कि मानो मां सरस्वती उनकी जिह्वा पर विराजमान हैं। उनके व्यवहार में हम सभी के लिए न केवल बहन का प्यार अपितु ममत्व का पवित्र भाव आकण्ठ भरा था। आप सदैव हमारे दिलों में जिंदा रहेंगी। जयंती पर दीदी के चरणों में प्रणाम! #SushmaSwaraj