
Teacher Transfer : सरकार के लिये बनी सबसे बड़ी चुनौती, राजधानी का रुख कर रहे प्रदेशभर के शिक्षक
भोपाल. प्रदेश भर से बड़ी संख्या में शिक्षक राजधानी में आने की लिए तैयार हैं, जबकि राजधानी छोडकऱ जाने वालों की संख्या इससे आधी भी नहीं है। ऑनलाइन ट्रांसफर के तहत विकल्प चयन करके अन्य शहरों के 8500 शिक्षकों ने राजधानी में ट्रांसफर लिया है, लेकिन जिले से बाहर जाने वाले शिक्षकों की संख्या मात्र 4500 है।
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राजधानी की कई शालाओं में पहले ही अतिशेष शिक्षक थे, अब जाने वालों से दोगुनी संख्या में शिक्षकों के जिले में आने से अधिकारियों के लिए इन्हें शालाओं में पदस्थ करना चुनौती बन गया है। बाहर जाने वाले शिक्षकों में से चार हजार शिक्षक अधिक जिले में आ चुके हैं।
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पिछले दिनों अतिशेष शिक्षकों की गणना के दौरान राजधानी की कई शालाओं में अतिशेष शिक्षक मिले थे, तब प्रक्रिया थम गई थी, लेकिन नए शिक्षकों के आने के बाद अतिशेष शिक्षकों की संख्या बढऩा तय हो गया है। ऐसे में जिले में पदस्थ शिक्षकों को डर सताने लगा है कि रसूख के दम पर बाहर से राजधानी में ट्रांसफर पाने वाले इन शिक्षकों को जमाने के लिए स्थानीय शिक्षकों को बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है।
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इनका कहना है
जिस तरह से बाहरी जिलों से शिक्षकों को जिले में पदस्थापना दी जा रही है, उससे आने वाले समय में अतिशेष के नाम पर शिक्षकों को बाहर करने की कवायद बड़े स्तर पर हो सकती है।
- सुभाष सक्सेना, महामंत्री, शिक्षक कांग्रेस
जिला शिक्षा कार्यालय में आज देना होगी उपस्थित
ऑनलाइन स्थानांतरित प्रक्रिया में संकुल स्तर पर कई शिक्षकों के स्थानांतरण होल्ड कर दिए गए थे। ऐसे शिक्षकों को गुरुवार को दोपहर 12 बजे जिला शिक्षा कार्यालय में उपस्थित होना होगा, ताकि रिक्त पदों में सहमति के आधार पर पदस्थापना की जा सके।
Published on:
22 Aug 2019 08:07 am
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