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बड़ी राहत, अब रजिस्ट्री के लिए पंजीयन दफ्तर जाने की झंझट खत्म

एमपी में रजिस्ट्री कराने में राहत की कवायद की जा रही है। प्रदेश में एक अप्रेल से संपदा-2 की नई सुविधाएं शुरु होंगी। इससे रजिस्ट्री कराने में गवाहों की जरूरत खत्म होगी। रजिस्ट्री के लिए गवाहों की पंजीयन दफ्तर जाने की झंझट खत्म हो जाएगी।

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एमपी में रजिस्ट्री कराने में राहत की कवायद

एमपी में रजिस्ट्री कराने में राहत की कवायद की जा रही है। प्रदेश में एक अप्रेल से संपदा-2 की नई सुविधाएं शुरु होंगी। इससे रजिस्ट्री कराने में गवाहों की जरूरत खत्म होगी। रजिस्ट्री के लिए गवाहों की पंजीयन दफ्तर जाने की झंझट खत्म हो जाएगी।

मध्यप्रदेश में संपदा-2 सॉफ्टवेयर एक अप्रैल से लागू किया जाएगा। इसमें अब प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री कराने के लिए पंजीयन दफ्तरों में गवाहों के जाने की जरूरत खत्म हो जाएगी। इसके लागू होते ही आमजन को प्रॉपर्टी से जुड़ी दुविधा का समाधान मिलना संभव होगा। इसमें वेब जीआइएस की मदद से मोबाइल पर ही प्रॉपर्टी की गाइडलाइन की दर देखी जा सकेगी और साथ ही सर्च, ई-रजिस्ट्रेशन, सर्च एंड सर्टिफाइड कॉपी भी आसान हो जाएगी। प्रदेश के पंजीयन महानिरीक्षक एम सेलवेंद्रम ने बताया कि अभी तक ट्रायल चल रहा था, अब लागू करेंगे। इससे रजिस्ट्री आसानी से होगी।

यह होगा फायदा
गवाहों की जरूरत नहीं, आधार से फोटो औरनाम लिए जाएंगे।

चार विभागों हाउसिंग बोर्ड, उद्योग, इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन, एमएसएमई को रजिस्ट्रार के अधिकार मिलेंगे, ताकि प्रॉपर्टी को बैंक में बंधक बनाने में परेशानी न हो।

प्रॉपर्टी की आइडी होने से स्टाम्प शुल्क की चोरी रुकेगी और लंबी-चौड़ी लिखा-पढ़ी भी कम होगी।

एक क्लिक पर संपत्ति की रजिस्ट्री की जानकारी मिल जाएगी। इससे बेनामी संपत्ति पर शिकंजा कसने में मदद मिलेगी।

ईओडब्ल्यू, आयकर विभाग सहित लोकायुक्त को सेपरेट लिंक मिलेगा। ये संपत्ति की जांच कर सकेंगे।

रजिस्ट्री के बाद नगर निगम को मैसेज जाएगा, जिससे नामांतरण आसान होगा। शुल्क की गणना भी होगी।

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