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तालाब में नहाने गया था बुजुर्ग, पैर फिसला हुआ यह हादसा

तालाब में नहाने गया था बुजुर्ग, पैर फिसला हुआ यह हादसा

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तालाब में नहाने गया था बुजुर्ग, पैर फिसला हुआ यह हादसा

भोपाल@मुद्दिसिर खान की रिपोर्ट...

मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल जो जो झीलों की नगरी से भी जानी जाती है। यहां स्थित छोटा, तालाब और बड़ा तालाब आकर्षण का केंद्र है, पर कई बार लापरवारी के चलते कुछ लोग इन जगहों पर हादसे का शिकार भी हो जाते हैं। ऐसा ही एक हादसा शुक्रवार सुबह छोटे तालाब पर हुआ।

जानकारी के अनुसार एक बुजुर्ग व्यक्ति नहाने के लिए जैसे ही तालाब में उतरा, उसका पैर फिसल गया। पैर फिसलने से वह तालाब में डूबने लगा और उसे गंभीर चोट भी आई। वहां मौजूद गोताखोरों ने बुजुर्ग व्यक्ति को तालाब से बाहर निकाला। साथ ही हमीदिया अस्पताल में भर्ती करवाया। आस पास के लोगों ने इस बात की जानकारी पुलिस को दी। पुलिस उस बुजुर्ग व्यक्ति की पहचान कर रही है, पर अभी तक उसकी कोई पहचान नहीं हो पाई। बुजुर्ग व्यक्ति् का इलाज चल रहा है। उसे होश आते ही पुलिस उससे जानकारी प्राप्त करेगी।

आपको बता दें कि छोटे तालाब में डूबने से पहले भी कई हादसे हो चुके है। इसका मुख्य कारण यहां की सुरक्षा व्यवस्था पर ध्यान नहीं दिया जाना है। लोग अक्सर यहां नहाने आते है। बच्चें तालाब किनारे मस्ती करते है, पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम न होने के कारण अक्सर इस तरह के हादसे होना आम बात हो गई है। शासन द्वारा हर बार यहां सुरक्षा व्यवस्था की बात की जाती है। पर, हर बार यह बात सिर्फ कागजों में दबी रह जाती है।

एक हफ्ते में यह तीन हादसे
आपको बता दें कि पिछले दिनों बारिश के चलते शहर में कई हादसे हुए। टीला जमालपुरा पर वसीम नाम के एक बालक की डूबने से मौत हो गई थी। इसके पहले नाले में डूबने से एक बच्चे की मौत हो गई।

नगर निगम की लापरवाही
इन हादसों के चलते यहां के रहवासियों द्वारा हर बार प्रशासन से सुरक्षा व्यवस्था की मांग की जाती है, पर हर बार यह मांग सिर्फ कागजों में सिमट कर रह जाती है। शासन द्वारा हर बार यहां गाइडलाइन तय करने का आदेश दिया जाता है, पर शासन द्वारा गाइड लाइन जारी नहीं की है। नगर निगम द्वारा कुछ गाइड लाइन यहां जारी की गई है। लेकिन तालाब के आस पास सुरक्षा के इंतजाम नहीं है।

तालाब किनारे नहीं लगे हैं बेरीकेट्स
छोटे तालाब किनारें बेरीकेट्स न होने के कारण इन हादसों को होना आम बात है। रात के समय तो यहां अंधेरा छाया रहता है। जिससे गंभीर हादसा होने का अंदेशा बना रहता है।