
online FIR in MP
MP News : राजधानी भोपाल में ही ई-एफआइआर(online FIR) की व्यवस्था का पूरी तरह से सफल क्रियान्यवन नहीं हो पा रहा है। वर्ष 2024 तक जिले के कुल 34 थानों में 6 हजार से ज्यादा एफआइआर दर्ज हुईं। ई-एफआइआर की संख्या 80 है। एक अगस्त 2021 से इ-एफआइआर की व्यवस्था शुरू हुई। तब से लेकर 2024 तक जिले में 1321 ई-एफआइआर के आवेदन आए। लेकिन, इनमें से 80 ही ई एफआइआर के रूप में विभिन्न थानों में दर्ज हुए। 1250 से ज्यादा ई-एफआइआर विभिन्न कारण बताकर अब तक पुलिस की ओर से निरस्त कर दी गईं।
संज्ञेय और असंज्ञेय दो प्रकार अपराधों में मामले दर्ज होते हैं। संज्ञेय अपराधों में पुलिस एफआइआर दर्ज करती है, जबकि असंज्ञेय अपराधों में एनसीआर काटती है। ई-एफआइआर दर्ज करवाते समय धाराओं की जानकारी न होने के कारण लोग तकनीकी गलती करते हैं। ऐसे में त्रुटियों की वजह से ई-एफआइआर निरस्त हो जाती है।
● ई-एफआइआर दर्ज होने के तीन दिन बाद में थाने में जाकर प्रकरण की जानकारी देनी होती है। ऐसा न करने पर ई-एफआइआर स्वत: निरस्त हो जाती है।
● ई-एफआइआर के बाद थाने आने से पहले ही ज्यादातर मामलों में सुलह हो जाती है
जो महिलाएं और बुजुर्ग थाने नहीं जा सकते वे घर बैठे एफआइआर करवाते हैं। पुलिस टीम उनके घर जाकर आगे की कार्रवाई करती है। लेकिन कई बार त्रुटियों की वजह से कार्रवाई नहीं हो पाती। कई बार पुलिस संसाधनों का रोना रोते हुए उनके घर तक नहीं पहुंच पाती।
पुलिस विभाग का कहना है कि ई-एफआइआर के लिए जरूरी है कि पुलिस के पास पर्याप्त स्टाफ हो। तभी विवेचक और एफआइआर दर्ज करने वाला पुलिसकर्मी बुजुर्ग या महिला के घर जा पाएगा। लेकिन स्टाफ की कमी की वजह से व्यवस्था अच्छी तरह लागू नहीं हो पा रही है।
ई-एफआइआर के संबंध में प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इसका लाभ ले सकें। थानों में निर्देश दिए गए हैं कि बुजुर्गों और महिलाओं के मामले में पुलिस घर जाकर मामले की तहकीकात कर एफआइआर दर्ज करे - हरिनारायण चारी मिश्रपुलिस कमिश्नर, भोपाल
Published on:
25 Mar 2025 08:30 am
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