
Corona Virus JN-1 Variant
Corona Virus: मध्यप्रदेश सहित विभिन्न राज्यों में कोरोना परिवार के ओमिक्रॉन वायरस के जेएन- 1 वैरिएंट(Corona Virus JN-1 Variant) का संक्रमण बढ़ रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि इसकी पहचान एक साल से भी पहले हो चुकी है। इससे अभी डरने की कोई जरूरत नहीं है। यह कॉमन सर्दी-जुकाम की तरह या उससे भी कमज़ोर हो गया है। जेएन-1 वो वैरिएंट का उपयोग कोविड-19 वैक्सीन के फॉर्मुलेशन में किया गया है। यह पहले के वैरिएंट की तुलना में लोगों को गंभीर बीमार नहीं करेगा, लेकिन इसका तेज़ी से फैलना चिंताजनक है।
कोविड वैक्सीन को-वैक्सिन के मुख्य शोधकर्ता और एस दिल्ली में कम्युनिटी मेडिसिन विशेषज्ञ प्रो. डॉ. संजय राय ने भी इसकी पुष्टि की है। उनके अनुसार कोविड के दौरान किए गए सर्वे में लगभग हर व्यक्ति में एंटीबॉडी बन चुके थे।
विशेषज्ञों के अनुसार कॉमन कोल्ड भी कोरोना वायरस परिवार का ही है। कोरोना वायरस के हज़ारों परिवार है। इनमें से केवल सात परिवार ही इंसानों में समस्या पैदा करती है। इनमें से भी चार पहले से मनुष्य में मौजूद है, जो कॉमन कोल्ड से जुड़े हुए हैं। कहां से कब व कौन वायरस आए इसके बाद 2003-04 में चीन से ही सार्स-1 आया था। 2012-13 में मिडिल ईस्ट से मर्स (मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम) आया था। इसके बाद साल 2019 में कोरोना वायरस-2 आया था, जिसे हम कोविड-19 बीमारी कहते हैं।
इस वैरिएंट के लक्षण ओमिक्रॉन जैसे ही हैं। इससे संक्रमित मरीजों में गला खराब, थकान, सिरदर्द और सर्दी-जुकाम जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। कई लोगों के स्वास्थ्य और इयून सिस्टम पर भी ये लक्षण निर्भर करते हैं। इसके कुछ बड़े लक्षणों में डायरिया भी शामिल हैं।
जेएन1 वैरिएंट सर्दी-जुखाम की तरह कमजोर हो गया है। फिर भी यह एक ही व्यक्ति को बार-बार संक्रमित कर सकता है। मरीज को अस्पताल में भर्ती होना पड़ सकता है, लेकिन जान की हानि नहीं कर सकता।- डॉ. अंशुली त्रिवेदी, एसोसिएट प्रोफेसर कयुनिटी मेडिसिन, जीएमसी
Updated on:
26 May 2025 01:16 pm
Published on:
26 May 2025 11:43 am
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