
भोपाल। शहर की घनी आबादी वाले क्षेत्र में सैकड़ों टिम्बर/फर्नीचर के कारखाने चल रहे हैं। भारत चौराहे से आगे तीन पेट्रोल पम्प भी लकड़ी के कारोबार से घिरे हुए हैं। एक चिंगारी भड़की तो स्थिति विकराल होगी। बड़े हादसे की आशंका है। इन्हें हटाने करीब ३० साल से प्रक्रिया चल रही है। लेकिन एक भी आरा मशीन भी शिफ्ट नहीं हो सकी। बजट की कमी की बात कह जिम्मेदारों ने खतरे को अनदेखा कर दिया।
भारत टॉकीज चौराहे से लेकर पुल बोगदा और आसपास करीब १४५ आरा मशीन और १०० से अधिक टिम्बर कारोबारी हैं। आबादी वाले क्षेत्र से यह लगा हुआ है। आसपास की गलियों में भी लकड़ी का काम चल रहा है। सैकड़ों कारीगर इससे जुड़े हैं। इनकी सुरक्षा को लेकर भी अधूरे इंतजाम हैं। प्रशासन की लापरवाही से ये मामला अटका हुआ है। ये स्थिति उस समय है जब हर साल यहां कोई न कोई हादसा हो रहा है।
तीन-तीन पेट्रोल पम्प हैं यहां
-एक चिंगारी से हो सकती है तबाही
-खतरे के बीच आबादी, बजट की कमी बताकर अटकाया मामला
जमीन आवंटित की, बजट देने से खींचा हाथ
इनकी शिफ्टिंग के लिए शासन ने चांदपुर में जमीन तो आवंटित कर दी लेकिन इसका विकास कार्य नहीं किया। ऐसे में कारोबारी जाने को तैयार नहीं। अचारपुरा के पास चांदपुर में टिम्बर कारोबारियों को शिफ्ट करने का प्लान बनाया गया है। यहां विकास का जिम्मा बीडीए को दिया गया था। अग्निसुरक्षा के मानकों और आवश्यक उपकरणों को पूरा करने के लिए नगर निगम के अग्नि सुरक्षा शाखा ने शहरभर में 450 टिम्बर कारोबारियों को नोटिस भेजकर कर्तव्य की इतिश्री कर ली है। अग्नि सुरक्षा शाखा के अधिकारियों का कहना है कि टिम्बर कारोबारियों का मामला नगरीय प्रशासन विभाग के पास है।
अग्निसुरक्षा अधिकारियों का कहना है कि टिम्बर प्रतिष्ठान पर एक हाइड्रेंट प्वाइंट होना अत्यावश्यक है, जिससे जरूरत के समय पानी लेकर आग बुझाई जा सके। इसके सिवा अग्निशमन यंत्र आदि होना जरूरी है, लेकिन किसी भी प्रतिष्ठान पर अग्निशमन के लिए ये सब जरूरी इंतजाम भी नहीं हैं।
पूर्व के हादसों से भी नहीं चेते
4-5 वर्ष पूर्व बोगदा पुल के पास एक टिम्बर पीठे में भयंकर अग्निकांड हुआ था, जिसमें करोड़ों का नुकसान का माल खाक हो गया था। एक वर्ष पूर्व पेट्रोल पम्प के पीछे भी लकड़ी के प्रतिष्ठान में भयंकर आग लगी थी, जिसमें बड़ा नुकसान हुआ था। यदि आग पम्प तक आ जाती तो भयानक हादसा हो जाता। शनिवार को सुभाष नगर में एजाजुद्दीन की फर्नीचर शॉप भी भीषण आग के चलते खाक हो गई।
बढ़ेगा भोपाल स्टेशन का सौंदर्यीकरण
छावनी रोड निवासी समाजसेवी रेहान खान का कहना है कि लकड़ी कारोबार शिफ्ट न हो पाने की वजह से इस क्षेत्र का विकास भी नहीं हो पा रहा है। लकड़ी के काम हटने से ट्रैफिक संचालन सुगम होगा और क्षेत्र संवरने से भोपाल स्टेशन के सौंदर्यीकरण में इजाफा होगा। कारोबारी बादशाह खान का कहना है कि छोटे व मध्यम फर्नीचर कारोबारी पूरा टैक्स देकर कारोबार करते हैं, लेकिन उन्हें विस्थापित करने में शासन ने अभी तक कोई सहूलियत नहीं दी है।
चेकिंग में टिम्बर कारोबारियों के प्रतिष्ठानों पर अग्निशमन के आवश्यक इंतजाम नहीं मिले। 450 कारोबारियों को नोटिस दिए गए हैं। उच्चाधिकारियों से आदेश/निर्देश मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
-रामेश्वर नील, फायर अफसर, ननि अग्निसुरक्षा शाखा
टिम्बर कारोबारियों को चांदपुर शिफ्ट करने रिपोर्ट प्रकाशन की कार्रवाई पूरी कर दी है। शासन से यहां विकास के लिए फंड नहीं मिला है। फंड उपलब्ध हो जाए तो एक वर्ष में ये मार्केट शिफ्ट करवाया जा सकता है।
-अरविंद मंडराई, सहायक इंजीनियर, बीडीए

Published on:
03 Apr 2018 05:20 am
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