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आदिवासी विधायक करेंगे सीएम से शिकायत.. जानें शिकायत का कारण!

चुनावी साल में आदिवासियों के वनाधिकार के आधे दावे खारिज'

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भोपाल। प्रदेशभर के जिलों के अफसरों ने वन अधिकार पत्र के आधे से ज्यादा प्रस्ताव खारिज कर दिए। जो वन अधिकार पत्र दिए गए, उनके रकबे में कटौती कर दी। अब खेती करने और वनोपज संग्रहण का अधिकार नहीं मिलने से आदिवासी समाज नाराज हैं। वे इसकी शिकायत मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से करने वाले हैं। वन अधिकार कानून 2008 के तहत जिस जमीन पर आदिवासी रह रहे हैं और खेती कर रहे हैं उस जमीन का अधिकार पत्र दिया जाना था।

ऐसे खारिज किए प्रस्ताव'

कानून लागू होने के बाद से अब तक प्रदेशभर के 615949 आदिवासियों ने अधिकार पत्र के लिए प्रस्ताव दिए। वन अधिकार समिति ने प्रस्ताव सत्यापित कर ग्राम सभा में संकल्प पारित कर ब्लॉक समिति को भेजा। ब्लॉक समिति ने इन पर अपनी मुहर लगाकर जिलास्तरीय समिति को दे दिया। जिलास्तर पर इनमें से 364309 प्रस्ताव खारिज कर दिए। 251640 प्रस्ताव ही मंजूर किए।

भाजपा सरकार में आदिवासियों के हितों को मारा गया है। केंद्र की यूपीए सरकार ने कानून बनाया था, लेकिन प्रदेश सरकार उसका पालन नहीं करा पाई।
-ओमकार सिंह मरकाम कांग्रेस विधायक

सीएम ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि इस कानून का कड़ाई से पालन होना चाहिए। सीएम ने एसीएस वन को भी जवाबदेही सौंपी है।
-लालसिंह आर्य, आदिम जाति कल्याण राज्यमंत्री

प्रदेशभर के जिलों के अफसरों ने वन अधिकार पत्र के आधे से ज्यादा प्रस्ताव खारिज कर दिए। जो वन अधिकार पत्र दिए गए, उनके रकबे में कटौती कर दी। अब खेती करने और वनोपज संग्रहण का अधिकार नहीं मिलने से आदिवासी समाज नाराज हैं। वे इसकी शिकायत मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से करने वाले हैं। वन अधिकार कानून 2008 के तहत जिस जमीन पर आदिवासी रह रहे हैं और खेती कर रहे हैं उस जमीन का अधिकार पत्र दिया जाना था।

ऐसे खारिज किए प्रस्ताव'

कानून लागू होने के बाद से अब तक प्रदेशभर के 615949 आदिवासियों ने अधिकार पत्र के लिए प्रस्ताव दिए। वन अधिकार समिति ने प्रस्ताव सत्यापित कर ग्राम सभा में संकल्प पारित कर ब्लॉक समिति को भेजा। ब्लॉक समिति ने इन पर अपनी मुहर लगाकर जिलास्तरीय समिति को दे दिया। जिलास्तर पर इनमें से 364309 प्रस्ताव खारिज कर दिए। 251640 प्रस्ताव ही मंजूर किए।

भाजपा सरकार में आदिवासियों के हितों को मारा गया है। केंद्र की यूपीए सरकार ने कानून बनाया था, लेकिन प्रदेश सरकार उसका पालन नहीं करा पाई।
-ओमकार सिंह मरकाम कांग्रेस विधायक

सीएम ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि इस कानून का कड़ाई से पालन होना चाहिए। सीएम ने एसीएस वन को भी जवाबदेही सौंपी है।
-लालसिंह आर्य, आदिम जाति कल्याण राज्यमंत्री

संजीव बने संचालक आदिम जाति पत्रिका न्यूज नेटवर्क

भोपाल। राज्य शासन ने लोकायुक्त सचिव संजीव कुमार झा को संचालक आदिम जाति अनुसंधान एवं विकास संस्थान पदस्थ किया है। राजस्व सचिव राजेंद्र सिंह को सचिव लोकायुक्त पदस्थ किया है। झा के कार्यभार ग्रहण करने पर प्रमुख सचिव एसएन मिश्रा संस्थान संचालक के अतिरिक्त प्रभार से मुक्त होंगे। वहीं, आयुक्त स्वास्थ्य पल्लवी जैन गोविल को आयुक्त खाद्य सुरक्षा का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। गोविल स्वास्थ्य विभाग की ओएसडी भी हैं और अब खाद्य सुरक्षा का भी काम ? देखेंगी।