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एमपी में हिंदी तो, तमिलनाडु में तमिल में कारोबार कर सकेंगी पैक्स, अमित शाह बोले- बदलेंगें लोगों का जीवन

Union Home Minister Amit Shah in MP: किसानों को खाद-बीज देने और खेती के लिए कर्ज देने वाली प्राथमिक कृषि सहकारी साख समितियां (पैक्स) रेल टिकट बेचने, पेट्रोल पंप चलाने जैसे 300 से ज्यादा काम कर सकेंगी...केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने राज्य स्तरीय सहकारी सम्मेलन में कहा कि सहकारी साख समितियों के जरिए लोगों का जीवन बदलेंगे...जानें और क्या बोले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह

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Union Minister Amit Shah in MP

Union Minister Amit Shah in MP with CM Mohan Yadav

Union Home Minister Amit Shah in MP: उधारी में किसानों को खाद-बीज देने और खेती के लिए कर्ज देने वाली प्राथमिक कृषि सहकारी साख समितियां (पैक्स) रेल टिकट बेचने, पेट्रोल पंप चलाने जैसे 300 से ज्यादा काम कर सकेंगी। केंद्र की नल-जल योजना के तहत जल आपूर्ति की जिम्मेदारी भी दी जाएगी। यही गांवों और कस्बों में प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र चलाएंगी, आम लोगों को मामूली ब्याज पर कर्ज देंगी तो, खेती के लिए बीज पैदा करने का काम भी कर सकेंगी। केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने रविवार को राज्य स्तरीय सहकारी सम्मेलन में यह बात कही।

शाह ने एमपी की एक समिति को पेट्रोल पंप का लाइसेंस भी दिया। उनकी मौजूदगी में राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) ने प्रदेश के 6 सहकारी दुग्ध संघों, 6 हजार सहकारी दुग्ध उत्पादन समितियों व सहकारी संयंत्रों को टेकओवर किया। सीएम डॉ. मोहन यादव, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा, मंत्री विश्वास सारंग, लखन पटेल मौजूद रहे।

1. विशेष सॉफ्टवेयर बनाया

पैक्स के लिए विशेष सॉफ्टवेयर तैयार किया है, जो लोगों को क्षेत्रीय भाषाओं में कारोबार करने के अवसर देंगी। ये मप्र में हिंदी में कारोबार करेंगी तो तमिलनाडु में तमिल भाषा में काम होगा। इन्हें आत्मनिर्भर बनाकर लोगों का जीवन आसान करेंगे।

2. मध्यप्रदेश सबसे आगे

सहकारी साख समितियों का कम्प्यूटरीकरण करने में अन्य राज्यों की तुलना में सबसे अच्छा काम किया। समितियों को कम्प्यूटर व आधुनिक संसाधनों से जोड़ा है, ये काम को आसान बनाएंगे। किसान क्षेत्रीय भाषा में समितियों से कामकाज पर बात कर सकेंगे।

3. गैर भाजपा राज्यों ने भी अपनाया ड्राफ्ट

सहकारिता में नवाचार के लिए आदर्श प्रारूप सभी राज्यों को भेजे। तब सवाल उठे कि जो भाजपा व एनडीए शासित राज्य नहीं है भला वे केंद्र के प्रारूप को कैसे मानेंगे पर केंद्र सरकार व भाजपा की नीयत में खोट नहीं थी, सभी राज्यों ने प्रारूप को माना और बदलाव लागू किए।

4. चट्टान की तरह खड़ी रहेगी केंद्र सरकार

पशुपालन व डेयरी विकास के क्षेत्र में प्रदेश आगे बढ़े, नए सिरे से लक्ष्य तय करें, जो तय किए उन पर तेजी से काम करें। गांव-गांव सहकारी समितियां हों, हर किसान का दूध सहकारी समितियों में खरीदा जाए, खरीदी के साथ-साथ दूध प्रोसेसिंग की अच्छी क्षमता हो, इसके लिए काम करें। इसमें जहां भी सहयोग की जरूरत होी, केंद्र सरकार खड़ी है, रुपयों का इंतजाम करेंगे। केंद्र चट्टान की तरह प्रदेश के साथ खड़ी रहेगी।

5. कांग्रेस ने खत्म किया सहकारिता आंदोलन

कुछ राज्यों में सहकारिता आंदोलन के तहत अच्छे काम हुए, कुछ राज्यों में कम काम हुए तो कुछ राज्यों में सहकारिता आंदोलन का विनाश ही गया। बचे कई राज्यों में सहकारिता आंदोलन का सरकारी करण हो गया। मध्यप्रदेश का नाम लिए बिना कहा कि कांग्रेस ने यहां तो सहकारिता आंदोलन ही खत्म कर दिया।

6. अमूल से भी बड़े ब्रांड होंगे

सहकारी क्षेत्रों में कई बड़े कामों की शुरुआत कर दी है। 20 साल बाद एक समय ऐसा भी आएगा, जब अमूल से भी बड़े ब्रांड देखने को मिलेंगे।

7. मोहनजी आप ही नहीं, मैं भी दुविधा में पड़ा था

प्रधानमंत्री ने सहकारिता मंत्रालय बनाया और मुझे पहला मंत्री बनने का सौभाग्य मिला। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का जिक्र करते हुए कहा कि मोहन जी तब, आप ही नहीं, मैं भी दुविधा में पड़ा था कि क्या और कैसे होगा, लेकिन आज गर्व के साथ कह रहा हूं कि सहकारिता में अच्छे काम हो रहे है। मुख्यमंत्री कहा था कि जब सहकारिता मंत्रालय बनाकर कमान अमित शाह को दी तो मुझे लगा कि यह बड़ा लक्ष्य कैसे पूरा होगा, लेकिन अब गर्व के साथ कह रहा हूं कि सहकारिता अच्छे काम हो रहे।

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