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नड्डा बोले-दिल्ली एम्स को सुधरने में 20 साल लगे, भोपाल में जल्दी क्यों?

सुविधाओं के सवाल पर केंद्रीय मंत्री ने बेतुका तर्क दिया कि दिल्ली-एम्स को तैयार होने में 20 बरस लगे थे, यहां अभी 13 साल ही गुजरे हैं। अभी सात साल बाकी हैं, आखिर भोपाल को इतनी जल्दी क्यों? 

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Nitesh Tiwari

Sep 18, 2016

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भोपाल. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा एम्स-भोपाल की दुर्दशा के लिए पूर्ववर्ती अफसरों के गलत फैसलों को जिम्मेदार मानते हैं। 'लम्हों ने खता की थी,सदियों ने सजा पाई' शेर के जरिए उन्होंने इसे समझाने का प्रयास किया। सुविधाओं के सवाल पर केंद्रीय मंत्री ने बेतुका तर्क दिया कि दिल्ली-एम्स को तैयार होने में 20 बरस लगे थे, यहां अभी 13 साल ही गुजरे हैं। अभी सात साल बाकी हैं, आखिर भोपाल को इतनी जल्दी क्यों?
उन्होंने कहा कि भोपाल-एम्स से हमने कई सबक सीखे हैं। नड्डा ने शनिवार को एम्स-भोपाल में एमआरआई मशीन, फार्मेसी, ब्लड बैंक और मैटरनिटी वार्ड का शुभारंभ किया। इस दौरान वे पूरी तरह खामोश रहे और मीडिया से बचते रहे। मीडिया ने घेरा तो गोलमोल जवाब दिए। एम्स में ट्रीटमेंट क्वालिटी पर एम्स प्रबंधन पर तंज कसते हुए कहा कि यहां डेंगू से बड़ी बीमारियां हैं, पहले उसे दूर करना है।

visits Bhopal
मेरे दस्तखत से डायरेक्टर आए तो आज कर दूं
नए डायरेक्टर की नियुक्ति पर उनका जवाब था कि अगर मेरे दस्तखत से डायरेक्टर आ सकता है तो मैं आज कर देता हूं। लेकिन ये मेरे हाथ में नहीं है। उन्होंने एम्स के पूरा होने और डायरेक्टर के आने की डेडलाइन भी नहीं बताई।

लाइसेंस अभी मिला नहीं, सुविधा शुरू
मंत्री ने सबसे पहले एमआरआई का शुभारंभ किया और इसके बाद उन्होंने ब्लड बैंक को मरीजों को सौंप दिया। हालांकि दोनों की सुविधाओं के लिए एम्स के पास लायसेंस नहीं है।
एम्स के पास मशीनें चलाने के लिए ट्रेंड तकनीशियन नहीं हैं,जिसके चलते एटॉमिक एनर्जी रेग्यूलेटरी बोर्ड से लायसेंस नहीं मिला। इसी तरह ब्लड बैंक के लिए भी अभी तक लायसेंस नहीं है।

रात को था स्टोर रूम, सुबह बन गया वार्ड
मंत्री को दिखाने के लिए कई सुविधाएं रातोंरात जुटा ली गईं। यह सब इतनी जल्दबाजी में हुआ कि कर्मचारियों तक को भनक नहीं लगी। कई कर्मचारी कानाफूसी करते रहे कि रात में तो यहां स्टोर रूम था, रात भर में वार्ड कहां से आ गया।
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एम्स भोपाल
एेसा रहा कार्यक्रम
11.30 बजे- एम्स पहुंचे मंत्री
11.35 बजे- रेडियो डायग्नोसिस विभाग का शुभारंभ
11.45 बजे- ब्लड बैंक का शुभारंभ
11.50 बजे- अमृत फार्मेसी का शुभारंभ
12.15 बजे- मीडिया से मिले
12.45 बजे- बोर्ड रूम में चर्चा और भाषण
01.15 बजे- छात्रों को ऑफिस में बुलाकर चर्चा
01.40 बजे- बाहर निकले और विवाद

सुझाव दिया और निकल गए : पूर्व मंत्री बाबूलाल गौर भी नड्डा से मिलने पहुंचे। मंत्री ने साथ चलने को कहा तो बोले मैं तो बस सुझाव देने आया था।

मंत्री एम्स पहुंचे तो गौर ने छोटी-छोटी दिक्कतों को दूर करने एक एडवाजरी कमेटी बनाने का सुझाव दिया। मंत्री ने कहा आप भी हमारे साथ चलें तो उन्होंने जवाब दिया कि मैं तो आपको सिर्फ सुझाव देना चाहता था।

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