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मिनटों नहीं, कुछ सेकंड में खाली हो रहा आपका खाता, न करें ये बड़ी गलती

-मिरर एप्लीकेशन का संभलकर करें इस्तेमाल, वरना खाता हो जाएगा खाली -साइबर थाने में हर सप्ताह दो से तीन मामले मिरर एप्लीकेशन इस्तेमाल के आ रहे सामने.....

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Cyber Crime

हर्ष पचौरी, भोपाल। घर बैठे आपके कंप्यूटर और मोबाइल फोन के अंदर पहुंचने वाले एप्लीकेशन को मिरर एंड्राइड एप्लीकेशन कहते हैं। भारत में सबसे ज्यादा प्रचलित मिरर एंड्राइड एप्लीकेशन में एनीडेस्क, क्विक सपोर्ट, टीम व्यूअर एवं मिंगल व्यू एप्लीकेशन तेजी से प्रचलित हो रही है। एंड्राइड एप्लीकेशन सेटअप में दी गई परमिशन का इस्तेमाल साइबर जालसाज आपको ठगने के लिए कर सकते हैं।

मिरर एप्लीकेशन के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होने की वजह से कई बार साइबर धोखाधड़ी का शिकार होने वाले बैंक खाताधारक इन्हें जालसाज के कहने पर गूगल प्ले स्टोर में जाकर डाउनलोड कर लेते हैं। सभी प्रकार के परमिशन पर ओके कर दिया करते हैं ऐसा करने से आपका मोबाइल और कंप्यूटर डेस्कटॉप-लैपटॉप जैसे संसाधन आसानी से साइबर जालसाज के रडार में शामिल हो जाते हैं। इससे बचने के कुछ उपाय है लेकिन इससे पहले इन ऐप को जानना जरूरी है। जो ठगी से बचाएंगे।

केस- 1

शिवाजी नगर में रहने वाले सरकारी कर्मचारी सुरेश कुमार को मोबाइल पर सिम बंद होने का मैसेज आया। उन्हें ठग ने एक एप्लीकेशन डाउनलोड करने कहा। इस प्रकार साइबर धोखाधड़ी करने वाले आरोपी ने उनके बैंक खाते से हजारों रुपए की राशि निकाल ली।

केस- 2

हबीबगंज थाना अंतर्गत अरेरा कॉलोनी में रहने वाले वर्मा परिवार के एक सदस्य को अनजान व्यक्ति ने कॉल सेंटर कर्मचारी बनकर फोन किया। बैंकिंग जानकारियां पूरी करने के लिए उन्हें एक एप्लीकेशन डाउनलोड करवाई गई और बाद में उनके बैंक खाते से रकम निकल गई।

आखिर क्यों बनाई ये एप्लीकेशन

-आईटी इंजीनियर ने इन एप्लीकेशन का निर्माण इसलिए किया था ताकि वर्क फ्रॉम होम या दूरस्थ स्थान में बैठे कर्मचारी कंप्यूटर में आने वाली गड़बड़ियों को अपने ऑफिस के आईटी इंजीनियर्स से आसानी से ठीक करवा सकें।

-एनीडेस्क, क्विक सपोर्ट, टीम व्यूअर देगा। और मिंगल व्यू एंड्राइड एप्लीकेशन अपने कंप्यूटर एवं मोबाइल फोन पर डाउनलोड करने के बाद आपको इस एप्लीकेशन पर वन टाइम पासवर्ड दिखाया जाता है।

-यह पासवर्ड आप जैसे ही अपने आईटी इंजीनियर से शेयर करेंगे उसका कंप्यूटर आपके कंप्यूटर या मोबाइल से खाताधारक सहायता कनेक्ट हो जाएग। इंटरनेट के माध्यम से होने वाली इस कनेक्टिविटी को मिरर शिकायत दर्ज इमेजिंग कहते हैं।

- इस प्रकार आपके ऑफिस का आईटी ही संबंधित राशि ज इंजीनियर आसानी से आपके सिस्टम में प्रवेश कर तकनीकी गड़बड़ी को सुधार एप्लीकेशन का

- अपराध की दुनिया में शामिल साइबर पहले इसकी जालसाज आपको धोखा देकर इन एप्लीकेशन को डाउनलोड करवाते हैं जरूरी है। और पासवर्ड पूछ कर आपके सिस्टम में प्रवेश कर निजी जानकारियां चोरी कर बैंकिंग फ्रॉड को अंजाम दे रहे हैं।

घबराएं नहीं, आपको मिल जाएगी मदद

-अपने सभी बैंक खातों और एटीएम नंबर को ब्लॉक करवाएं। सूचना बैंक को भेजें।
-बैंकिंग फ्रॉड या साइबर क्राइम होने पर हेल्पलाइन नंबर 9479990636 पर जानकारी नोट करवाएं।
-सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स एवं बैंक खातों की जानकारी नाम के साथ हेल्पलाइन पर दर्ज करवाएं।
-आपकी पहचान सुनिश्चित होने के बाद पुलिस तत्काल प्रभाव से जिस खाते में आपकी राशि ट्रांसफर गई है उस खाते को लॉक करवा देगी।
- पुलिस जांच पूरी के बाद प्रकरण न्यायालय में पेश किया जाएगा और न्यायालय के खाता धारक के खाते में वापस जमा होगी।