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घर में कर रहे हैं भगवान रामलला स्थापित, तो ध्यान रखें ये नियम, भूलकर भी न करें ये गलतियां

इन प्रतिकृति स्वरूप राम मंदिरों में भगवान श्रीराम बालरूप में स्थापित भी किए जाएंगे। हर घर में दीपावली का उत्सव मनेगा। अगर आप भी अपने घर के मंदिर में रामलला की प्रतिमा स्थापित करना चाहते हैं तो कुछ खास बातों का ध्यान जरूर रखें...

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अयोध्या राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का उत्सव है, राममय माहौल हो चला है। भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा केवल अयोध्या राम मंदिर में नहीं की जा रही, बल्कि हर घर के आंगन में रामलला का आह्वान हो चला है। बाजारों ने अवसर का लाभ उठाकर राम मंदिर की प्रतिकृतियां बनाई, लोगों ने खरीदी ही नहीं, उपहार में भी दीं। आज इन प्रतिकृति स्वरूप राम मंदिरों में भगवान श्रीराम बालरूप में स्थापित भी किए जाएंगे। हर घर में दीपावली का उत्सव मनेगा। अगर आप भी अपने घर के मंदिर में रामलला की प्रतिमा स्थापित करना चाहते हैं तो कुछ खास बातों का ध्यान जरूर रखें...

जरूर पढ़ें वास्तु शास्त्र के ये नियम

- सनातन धर्म में पंचदेव पूजा के अलावा कुलदेवी-कुलदेवता की भी पूजा की जाती है। पंचदेवों में गणेश, दुर्गा, सूर्य, शिव और विष्णु हैं। इनकी पूजा सभी कार्यों में की जाती है।

-मान्यता है कि ऐसा करने से घर में हमेशा पॉजिटिव एनर्जी का वास होता है, नेगेटिविटी हमेशा दूर रहती है।

- वास्तुदोष खत्म होते हैं।

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- मंदिर में प्रतिमाओं को स्थापित कर रहे हैं, इन खास बातों का ध्यान जरूर रखें

- लेकिन घर के मंदिर में पूजा स्थल कहां हो और आपने जो मूर्तियों या प्रतिमाएं स्थापित की हैं, वे कैसी है? इनका विशेष ध्यान रखा जाता है।

- अगर आज आप घर में मंदिर की स्थापना कर रहे हैं।

1. घर में मंदिर की स्थापना करते समय दिशा का खास ध्यान रखें।

- मंदिर उत्तर दिशा या पूर्व दिशा में स्थापित कर सकते हैं। लेकिन कभी भी मंदिर की दिशा ऐसी न रखें कि पूजा करते समय आपका चेहरा दक्षिण दिशा की ओर हो।

- मंदिर स्थापित करने की सबसे बेस्ट कॉर्नर होता है ईशान कोण, लेकिन ऐसा संभव न हो तो, आप ऊपर बताए गए नियम को फॉलो कर सकते हैं।

- वहीं वास्तुशास्त्र में बताया गया है कभी भी मंदिर टॉयलेट या बाथरूम की दीवार से सटा हुआ नहीं होना चाहिए।

- साथ ही यह भी ध्यान रखें कि बेडरूम में पूजा घर नहीं होना चाहिए।

भगवान राम की प्रतिमा स्थापित कर रहे हैं...

- यदि आप मंदिर में मूर्तियों की स्थापना कर रहे हैं, तो ध्यान रखें ये मूर्तियां पत्थर की, सोना-चांदी की या फिर अष्ट या पंच धातु के अलावा अन्य धातु की हो सकती हैं।

- घर के पूजा घर में रखी जाने वालीं प्रतिमाओं को तभी घर में स्थापित करें जब नियमित रूप से उनकी साफ-सफाई और पूजा-अर्चना कर सकें।

- यदि आप नियमित रूप से ऐसा नहीं करते हैं, तो यह उचित नहीं है।

- मूर्तियों स्थापित करते हैं तो और विधि-विधान से और नियमित पूजा-अर्चना जरूरी है।

- ऐसा नहीं करने से घर में अशांति, नकारात्मकता आती है।

- आर्थिक स्थिति कमजोर होती है।

- अगर आप नियमित रूप से ऐसा नहीं करते हैं, तो कोशिश करें कि प्रतिमाओं या मूर्तियों के बजाय, भगवान के सुंदर चित्र या फोटो भी लगा सकते हैं।

- घर के मंदिर में एक मूर्ति के बजाय कई देव मूर्तियों की पूजा करना शुभ माना जाता है।

- लेकिन घर में कभी भी दो शालिग्राम, दो शिवलिंग, तीन गणेश, दो शंख, दो सूर्य, तीन दुर्गा मूर्ति और दो गोमती चक्र नहीं होने चाहिएं।

- इसीलिए अगर भगवान राम की प्रतिमा स्थापित कर रहे हैं, तो भगवान राम के साथ सीता और लक्ष्मण ही नहीं बल्कि हनुमान जी की भी प्रतिमा स्थापित करें।

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