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आम आदमी को बड़ी राहत, सस्ती होने जा रही हैं सब्जियां

सब्जियों की आवक बढ़ने पर दूसरे राज्यों से आने वाली सब्जियों पर निर्भरता कम होगी और भावों में गिरावट आने लगी है.....

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Vegetables rate

भोपाल। अमूमन सर्दियों में हरी सब्जियां सस्ती हो जाती हैं, लेकिन इस बार ग्राहकों को महंगी सब्जियां खरीदना पड़ रही हैं। राहत की बात यह है कि जल्द ही सब्जियां सस्ती होने जा रही हैं। नर्मदा पट्टी से गिलकी, भिंडी, करेला, लौकी, बरबटी आदि की आवक शुरू हो गई है। आवक बढ़ने के साथ ही इनमें मंदी आने लगेगी। रतलाम लाइन से टमाटर, गोभी, नीबू की आवक बढ़ने लगी है। लोकल की इन सब्जियों की आवक बढ़ने पर दूसरे राज्यों से आने वाली सब्जियों पर निर्भरता कम होगी और भावों में गिरावट आने लगी है।

सब्जियों का उत्पादन प्रभावित हुआ

स्थानीय होलसेल सब्जी बाजार में इस समय करीब 60 फीसदी सब्जियां महाराष्ट्र लाइन से आ रही है। कारोबारियों का कहना है कि इस बार देर तक बारिश होने एवं बुवाई में देरी से सब्जियों का उत्पादन प्रभावित हुआ है। कोरोना के चलते लगे लॉकडाउन का भी असर भी इस सब्जियों की कीमती पर पड़ रहा है। लॉकडाउन के दौरान सब्जियों का बुवाई चक्र बिगड़ गया था। थोक सब्जी कारोबारी हरिओम खटीक का कहना है कि महाराष्ट्र साल के 6 महीने सब्जियों की आवक होती हैं। इसी प्रकार मध्यप्रदेश में बाड़ी, बरेली, बकतरा लाइन से साल में 3 महीने और बेंगलुरु से भी साल में 3 महीने सब्जियां आती है। इसके अलावा राजस्थान लाइन से भी बड़ी मात्रा में सब्जियां यहां बिकने आती है।

पानी में ये मिलाकर धोएं सब्जियां...

सब्जी लाने के बाद सीधे किचन में न ले जाएं। उसे बाहर ही रखें। एक बाल्टी में गुनगुने पानी लेकर उसमें पहले थोड़ा सा नमक डालें। उसके बाद कुछ देर तक उसमें सब्जी डुबो दें। इसके बाद दो बार सादे पानी से अच्छी तरह से धुलें और फिर किचन में रखें। इसी तरह दूध का पाउच भी धुल करके ही अंदर ले जाएं। साथ ही अपने हाथों को दिन में कई बार धोएं। ऐसा करने से कोरोना होने का खतरा काफी हद तक खत्म हो जाता है।