
भोपाल। तीखी गर्मी में शहर की सड़कों से गायब लो फ्लोर एसी बसें आज-कल में खटारा नहीं हुई बल्कि बीसीएलएल की ओर से मई 2013 में खरीदी के समय ही यह उस समय मौजूद तकनीक के स्तर की नहीं थी। पत्रिका ने जब एसी बसों की पड़ताल की तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि बीसीएलएल ने 12 करोड रुपए खर्च करके 2013 में बिलिंग कराकर 2010 मॉडल की आउटडेटे बसें खरीदीं। इन बसों के संचालन के पहले ही महीने से समस्या आने लगी थी जिसकी शिकायत तात्कालीन ऑपरेटर ने बीसीएलएल और नगरीय प्रशासन में की थी। यह बसें पहले से ही आउटडेटेड थी क्योंकि तब तक एडवांस मॉडल आ चुके थे। केपिटल रोडवेज ने 2013 से 2015 तक इन बसों का संचालन किया तब ही इनकी कमियों और खरीदी घोटाले की जानकारी दे दी थी।
एसी बसों का संचालन व्यवहारिक नहीं है जिसकी जानकारी अधिकारियों को दे चुके है लेकिन फिर भी महापौर पास और अन्य फंड मिल जाए तो उसकी राशि से घाटे में भी जनता की सुविधा के लिए यह बसें चला सकते हैं, लेकिन बिना फंड मिले चलाना मुश्किल है।
-प्रिंस जोसेफ, मैनेजर दुर्गम्बा
जेएनआरयूएम से 2009 में फंड आया था तब ही बसों का मॉडल तय हुआ था, यह सही है कि बसें 2010 मॉडल की है, लेकिन हमने पहले ही एग्रीमेंट कर लिया था, जब 2013 में बीआरटीएस कम्पलीट हुआ तो बसें चलाने लगे। मैं इस मामले को गंभीरता से दिखवा रहा हूं, बुधवार से सभी एसी बसें चलवाई जाएंगी।
-चन्द्रमौली शुक्ला, सीईओ, बीसीएलएल
गोविंदपुरा में बनेंगे आरओबी के गर्डर
भोपाल के सुभाष फाटक रेलवे ओवर ब्रिज पर पटरियों पर गर्डर रखने का काम दो माह और आगे सरक गया है। रेलवे के हिस्से के इस निर्माण का ठेका लेने वाली निजी कंपनी ने दो माह के विलंब के बाद स्टील के गर्डर बनाने का काम गोविंदपुरा के एक फेब्रीकेटर्स को दिया है जो और दो माह का वक्त लगाएगी।
पीडब्ल्यूडी के ईई एमपी सिंह ने बताया कि 70 प्रतिशत हिस्से का काम पूरा हो चुका है। एसबीआई कॉलोनी की तरफ रिटेनिंग वॉल बनाकर लेंडिंग रूट तैयार करना बाकी है। इससे पहले प्रभात चौक रिटेनिंग वॉल का काम पूरा कर लिया गया था और इस हिस्से पर मुरम की फिलिंग करने के बाद रास्ता बना दिया गया है।
Published on:
02 May 2018 05:32 pm
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