
weather mobile application
भोपाल। अगर आप सड़क के रास्ते सफर करने जा रहे हैं तो 200 किमी क्षेत्र में मौसम का मिजाज क्या रहेगा इसका पता कर सकेंगे। इसमें मौसम और चेतावनी की लाइव जानकारी देख सकेंगे। मौसम विभाग की स्थापना के 150 साल पूरे होने पर इस ऐप को लॉन्च किया गया है। ये ऐप कैसे काम करता है इसका कार्यक्रम दिल्ली में हुआ, लाइव प्रसारण भोपाल मौसम केंद्र में भी देखा गया। मुख्य अतिथि और पूर्व प्रमुख मौसम केंद्र भोपाल डॉ. डीपी दुबे ने बताया कि पिछले तीस सालों में ही मौसम का अनुमान कहां से कहां पहुंच गया। तूफान, बारिश की सटीक जानकारी से लाखों जानें बचाई जा रही हैं।
गांव-गांव पहुंचेगा मौसम का हाल
मौसम विशेषज्ञ जीडी मिश्रा ने मौसम केंद्र के सफर पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि पहले मौसम की जानकारी क्षेत्रवार होती थी, तकनीक के इस्तेमाल से जिलेवार और ब्लॉकवार जानकारी पहुंचने लगी अब आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के दौर में शहर ही नहीं गांव-गांव तक मौसम का सटीक हाल पहुंचेगा। पहले सीमित जगहों में वर्षा मापक केंद्र लगे हुए थे, अब 425 से अधिक स्थानों पर लगे हैं। इसी प्रकार सैटेलाइट पिक्चर , रेडियो वेब, डॉप्लर रडार सहित नए-नए मॉडल से मौसम की जानकारी मिलने लगी है।
12 भाषाओं में मिलेगी जानकारी
मौसम मोबाइल एप्लीकेशन में 12 भारतीय स्थानीय भाषाओं में मौसम का हाल पता कर सकेंगे। मप्र मध्य में है और यहां अरब सागर, बंगाल की खाड़ी और पश्चिमी विक्षोभ सभी का असर पड़ता है। ऐसे में इस केंद्र पर बड़ी जिम्मेदारी है। पूर्वानुमान में बदलाव आया है, इसके साथ ही आने वाला समय एआई का। विज्ञानिक डी डॉ दिव्या सुरेंद्रन ने भोपाल के मौसम केंद्र के इतिहास की जानकारी दी।
Published on:
16 Jan 2024 10:34 am
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