
utility news
भोपाल। बीते कई सालों से जमाना डिजिटल हो चुका है। अब घर बैठ चुटकी में एक क्लिक पर शॉपिंग से लेकर डिनर या फिर ट्रेवल टिकट सब हो जाता है। इन सभी कामों को करने के लिए हम अक्सर डेबिट या क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं। हम सभी से कार्ड नंबर डालने के बाद हमसे CVV (सीवीवी) कोड पूछा जाता है। सांकेतिक तौर पर बताया भी जाता है कि यह कार्ड के पीछे छपा होगा।
इसे डालने के बाद ही ओटीपी या पिन का ऑप्शन आता है और ट्रांजैक्शन सफल होता है. क्या आप जानते हैं कि ये CVV कोड आखिर होता क्या है? ये क्यों जरूरी है और आखिर क्यों इसे छिपाकर रखने और किसी को नहीं बताने की सलाह दी जाती है। बता दें कि मात्र तीन अंकों का नंबर कहीं लीक हो जाता है तो ये आपके पूरे अकाउंट को खाली कर सकता है। यही वजह है कि ये डिजिटल पेमेंट को लेकर समय-समय पर ग्राहकों को फ्रॉड्स के प्रति जागरुक किया जाता है।
जानिए क्या होता है CVV नंबर
CVV यानि की कार्ड वेरिफिकेशन वैल्यू (Card Verification Value), ये कार्ड के द्वारा किसी भी तरह का ऑनलाइन लेन - देन करने के लिए बेहद जरूरी है। CVV नंबर बैंक के द्वारा जनरेट कर कार्ड यूजर को दिया जाता है. इसे कभी किसी के साथ शेयर नहीं करना चाहिए। जानकारी के लिए बता दें कि डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड पर कुछ कोड होते हैं, जिन्हें कार्ड सिक्योरिटी कोड (CSC) कहते हैं। इसका अविष्कार 1995 में यूके में माइकल स्टोन ने किया था. CSC की जांच होने के बाद 'एसोसिएशन ऑफ पेमेंट क्लीयरिंग सर्विसेज' ने इस सिक्योरिटी कांसेप्ट को अपना लिया।
शुरुआती दौर में CVV कोड 11 अंकों के होते थे. लेकिन बाद में इसे 3 से 4 अंकों तक रखा गया। अपके कार्ड में पहला हिस्सा काले रंग की मैग्नेटिक स्ट्रिप होती है. यहां यूनीक डाटा छिपा हुआ होता है. जिसे सिर्फ मैग्नेटिक रीडर मशीन में स्वाइप करने के बाद पढ़ा जा सकता है। वहीं दूसरा हिस्सा होता है जहां आपको अंक लिखे दिखाई देंगे. इसकी जरूरत आपको ऑनलाइन पेमेंट के समय पढ़ती है।
CVV कोड क्यों जरूरी?
वैसे तो CVV कोड सिर्फ सिक्योरिटी के लिए इस्तेमाल किया जाता है. ये कार्ड के पिछले हिस्से में होता है और जब भी हम कार्ड को कहीं सार्वजनिक जगहों पर निकालते हैं तो उसका ऊपरी भाग सामने होता है, जिसमें कार्ड का नंबर और एक्सपायरी डेट अंकित होता है. ऐसे में CVV कोड कार्ड के पिछले हिस्से में होने की वजह से लोग ठगी के शिकार होने से बच जाते हैं। अगर कोई विश्वसनीय ऑनलाइन मर्चेंट जहां आप पेमेंट कर रहे हैं, आपसे CSC, CVC, CVV2, CIN आदि मांगता है तो कंफ्यूज ना हों. इन सभी का मतलब CVV ही है.
Published on:
09 Dec 2021 12:43 pm
बड़ी खबरें
View Allभोपाल
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
