हिंदू मान्यताओं में अक्षय तृतीया को दान के लिए विशेष दिन माना जाता है। इस दिन किया गया दान, हवन, पूजन, और साधना कभी नष्ट नहीं होने वाला पुण्य प्रदान करता है। कालगणना में वर्ष में जो साढ़े तीन स्वयंसिद्ध मुहूर्त माने गए हैं, अक्षय तृतीया उनमें से एक है। यही वजह है कि अक्षय तृतीया पर बिना कोई पंचांग देखे मांगलिक कार्य संपन्न किये जाते हैं।