उप चुनाव के दौरान बड़वाह से कांग्रेस विधायक बिरला मुख्यमंत्री की सभा में पहुंचकर भाजपा के पाले में गए थे। सचिन के भाजपा में शामिल होने पर कांग्रेस को तगड़ा झटका लगा। वहीं भाजपा को इसका भरपूर लाभ मिला। चुनाव में झटका लगने के बाद कांगे्रस ने सचिन पर दल बदल की कार्यवाही का निर्णय लिया। इसी के तहत विधानसभा अध्यक्ष को आवेदन दिया कि सचिन पद दल बदल के तहत कार्यवाही की जाए। क्योंकि यदि कोई विधायक दूसरे दल में शामिल हो जाता है तो नियम के अनुसार उस पर दल बदल के खिलाफ कार्यवाही होती है। इसके तहत उसकी सदस्यता समाप्त होती है। यह निर्णय विधानसभा अध्यक्ष को करना होता है। इसी के तहत कांग्रेस ने आवेदन दिया था।
दस्तावेजों में कमी का हवाला –
कांग्रेस ने सचिन पर कार्यवाही करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष को आवेदन दिया। इस पर वे कोई कार्यवाही करते इसके पहले कांग्रेस ने दूसरा आवेदन देकर अध्यक्ष से आग्रह किया कि उनके आवेदन पर अभी कोई कार्यवाही न की जाए। इसके पीछे कांगे्रस ने आवेदन के साथ प्रमाण के तौर पर दिए गए दस्तावेजों में कमी बताया है। कांग्रेस प्रमाण के तौर पर अन्य दस्तावेज देगी, इसके बाद आवेदन पर आगे की कार्यवाही होगी।
कांग्रेस ने सचिन पर कार्यवाही करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष को आवेदन दिया। इस पर वे कोई कार्यवाही करते इसके पहले कांग्रेस ने दूसरा आवेदन देकर अध्यक्ष से आग्रह किया कि उनके आवेदन पर अभी कोई कार्यवाही न की जाए। इसके पीछे कांगे्रस ने आवेदन के साथ प्रमाण के तौर पर दिए गए दस्तावेजों में कमी बताया है। कांग्रेस प्रमाण के तौर पर अन्य दस्तावेज देगी, इसके बाद आवेदन पर आगे की कार्यवाही होगी।