
AIIMS
भोपाल। एम्स में क्यूआर कोड स्कैन कर बच्चों से जुड़ी सात प्रकार की बीमारियों पर पूरी जानकारी मिल जाएगी। पीडियाट्रिक विभाग की एचओडी डॉ. शिखा मलिक के अनुसार बच्चों में होने वाले नेफ्रोटिक सिंड्रोम, क्रोनिक किडनी डिसीज, उच्च रक्तचाप, स्टेरॉयड के दुष्प्रभाव समेत अन्य विषयों पर विस्तार से जानकारी दी गई है। अभी बच्चों की बीमारियों से इसकी शुरूआत की है। बाद में बुजुर्ग और अन्य लोगों की बीमारियों को लेकर भी क्यूआर कोड लगाए जाएंगे।
एम्स प्रबंधन के अनुसार क्यूआर कोड पंजीकरण काउंटर के पास और बच्चों की ओपीडी में लगाए गए हैं। जल्द ही इन्हें अन्य स्थानों पर भी लगाया जाएगा। जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों को बीमारी से जुड़ी जानकारी मिले। इसका उद्देश्य बीमारियों की शुरूआत में ही पहचान करना है। जिससे समय रहते बीमारी को फैलने से रोकने में मदद मिल सके। इसे स्वयं संचालित सूचना हेल्पलाइन नाम दिया गया है।
पोस्टर-बैनर से नहीं मिलती पूरी जानकारी
एम्स के जनसंपर्क अधिकारी केडी शुक्ला के अनुसार इस नए कदम से पेपर की बचत होगी। संस्थान के निदेशक डॉ. अजय सिंह ने इसकी शुरुआत की है। दरअसल, बीमारियों के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए पोस्टर, बैनर समेत अन्य तरह की चीजों का इस्तेमाल होता है। जिसमें पूरी जानकारी भी नहीं आ पाती है। इसी को देखते हुए क्यूआर कोड व्यवस्था को शुरू किया गया है।
Published on:
12 Mar 2023 01:56 pm
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