
प्रतीकात्मक फोटो
भोपाल। राजधानी के युवाओं में इंस्टाग्राम और सोशल साइट पर फॉलोअर्स और लाइक कमेंट बढ़ाने का क्रेज बढ़ता जा रहा है। इसके लिए वे पोस्ट पर टेगिंग से लेकर पेड डिजिटल मार्केटिंग कंपनियों का भी सहारा ले रहे हैं। इसके लिए वे फिक्स अमाउंट चार्ज करती हैं। युवा अपनी पोस्ट पर सेलिब्रिटी की तरह लाइक और कमेंट की चाह रखते हैं। इसके लिए वे सोशल मीडिया पर हजारों अनजाने लोगों को भी जोड़ लेते हैं। हालांकि, बाद में उन्हें खामियाजा भी भुगतना पड़ता है।
इस पर राजधानी के साइबर एक्सपर्ट का कहना है कि इस तरह के झांसे में 13 से 25 साल के युवा ज्यादा आ रहे हैं। क्योंकि, वे सोशल साइट्स के जरिए बिना किसी को जाने उनसे दोस्ती कर रहे हैं। बाद में यह दोस्ती वीडियो कॉलिंग में बदल जाती है। इनमें से ज्यादातर लड़कियां न्यूड वीडियो कॉलिंग का शिकार हो जाती हैं। बाद में ब्लेकमेलर इनसे पैसे की डिमांड करते हैं।
फॉलोअर्स बढ़ाने के लिए तरह-तरह के हथकंडे
फॉलोअर्स बढ़ाने के लिए युवा अपनी पोस्ट पर कैप्शन देते हैं। पोस्ट को लाइक करें और विजिट करें। पोस्ट को अन्य सोशल साइट्स पर भी डालते हैं। इंस्ट्राग्राम आइडी टैग करते हैं। वहीं कुछ लोग भद्दी पोस्ट से लोगों का ध्यान अपनी तरफ खींचते हैं। इंस्ट्राग्राम लाइव पर लोग लाइव में जबरन दूसरे लोगों को जोड़ते हैं।
यह बरतें सावधानियां
● अकाउंट की प्राइवेसी सेटिंग चेक करते रहें
● फॉलोअर्स को समय-समय पर वेरीफाई करें
● जानने वालों को ही सोशल साइट्स पर एड करें
● बैंकिंग से जुड़े नबंर को पब्लिक डोमेन पर न डालें
● फॉलोअर्स चेक करें कहीं वे डेटा का मिसयूज तो नहीं कर रहे
● सोशल साइट की गाइडलाइन्स को फॉलो करते रहें।
सामने आए ये मामले
-गंज बासौदा के एक लड़के ने फेक अकाउंट बनाकर पहले फॉलोअर्स बढ़ाए। फिर उसमें से कुछ को स्टॉक करना शुरु किया। पहचान बढ़ाकर पर्सनल डीटेल्स ली। फिर ब्लैकमेल करना शुरु किया।
-राजधानी भोपाल की मेघा (बदला हुआ नाम) की इंस्टाग्राम पर एक लड़के से दोस्ती हुई। बात कॉल से वीडियो कॉलिंग तक पहुंची। दोनों बाद में जब कॉम्प्रोमाइज सिचुएशन में आए तब लड़की का अश्लील वीडियो बनाकर ब्लैकमेलिंग की गयी।
क्या कहते हैं साइबर एक्सपर्ट
कुलभूषण यादव, साइबर एक्सपर्ट का कहना है कि पर्सनल चीजों को पब्लिक करने का फायदा गलत लोग उठाते है। जब चीजों को खुद प्राइवेट नहीं रखते तो दूसरों से कैसे उम्मीद कर सकते हैं कि लोग उनकी चीजों को पब्लिक नहीं करेंगे।
शिवम वर्षी, साइबर एक्सपर्ट का कहना है कि हैकर्स कुछ नंबर को हैक करके फेक आइडी जनरेट करते हैं। जो फिजीकली नहीं सिर्फ वर्चुअल में एग्जिस्ट करती हैं। बीच में कंपनियां छंटनी करती हैं तो लोगों के फॉलोअर्स कम हो जाते हैं। हालत यह है कि 13 से 25 एज ग्रुप के युवा ब्लैकमेलिंग का शिकार हो रहे हैं।
Published on:
09 Nov 2022 01:08 pm
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