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अब गरीब से गरीब बच्चा भी नहीं रहेगा शिक्षा से वंचित, जरूरतमंद को मिलेंगी यहां मुफ्त में किताबें

अब गरीब से गरीब बच्चा भी नहीं रहेगा शिक्षा से वंचित, जरूरतमंद को मिलेंगी यहां मुफ्त में किताबें

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अब गरीब से गरीब बच्चा भी नहीं रहेगा शिक्षा से वंचित, जरूरतमंद को मिलेंगी यहां मुफ्त में किताबें

भोपालः वैसे तो लोगों में शिक्षा का महत्व समझने की जागरूकता बढ़ी है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि, छोटे छोटे शहर तो शहर कई ग्रामीण इलाकों से बड़ी संख्या में बच्चे अग्रिम शिक्षा हासिल करने के लिए बड़े शहरों में आ रहे हैं और तो और कभी जिन गावों, शहरों और इलाकों को अज्ञानता का प्रतीक माना जाता था, वहां के बच्चे आज अपनी शेक्षणिक योग्यता से देश-दुनिया में अपना लोहा मनवा रहे हैं। हालांकि, शिक्षा के प्रति इतनी जारुकता और सुधार आने के बाद आज भी देशभर में ऐसे कई बच्चे हैं, जो एक औसत शिक्षा हासिल करने से वंचित हैं।

युवाओं के कांस्पेट को मिला इनका साथ

इसका बड़ा कारण है गरीबी, शिक्षा ना हासिल कर पाने वाले बच्चों में बड़ी आबादी ऐसी भी है, जो शिक्षा तो हासिल करना चाहती है, लेकिन परिवार के आर्थिक हालात ठीक ना होने के चलते वो शिक्षा हासिल करने से वंचित रह जाते हैं। इसी बात की चिंता राजधानी भोपाल के कुछ युवाओं को आज से कुछ साल पहले हुई। उन्होंने शहर के सक्षम लोगों से उनके बच्चे की शिक्षा पूर्ण होने के बाद किताबें देने का आग्रह किया। युवाओं का ये कांस्पेट लोगों को पसंद भी आया, जिसके बाद अब उन्हें भोपाल नगर निगम और समाज सेवी संस्थाओं का साथ मिला , जिसके बाद उनकी भारत के हर भविष्य को शिक्षित करने इस मुहिम में गति आ गई है। नगर निगम के सहयोग से इस संस्था ने शहर के 50 स्थानों पर ऐसे बॉक्स लगाए जाने वाले हैं। इन स्थानो पर जाकर आप अपनी इच्छा अनुसार किताबें दान कर सकते हैं। मुहिम के तहत उन बच्चों से किताबें ली जा रही हैं जो एग्जाम में पास होकर अगली कक्षा में चले गए हैं। इन किताबों को नए शेक्षणिक सत्र में उन बच्चों में बांटा जाएगा जो पढ़ने की इच्छा तो रखते हैं, पर परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक ना होने के चलते संबंधित किताबें खरीद नहीं सकते।

मुहिम को मिला 'अपना घर किताब घर' नाम

युवाओं की इस संस्था और निगम के अथक प्रयास से लगवाए गए 'बुक बॉक्स' कोई भी किसी भी प्रकार की ज्ञानवर्धक किताबें जमा कर सकता है। इस अभिनव प्रयास के चलते बहुत से अभिभावकों का बोझ कम हुआ है, क्योंकि उनके पास इतना बजट नहीं था कि वो अपने बच्चों को नई किताबें दिला सकें, लेकिन इस पहल के बाद से वो बच्चे भी पढ़ पा रहे हैं, जिनके परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। संस्था और नगर निगम की इस पहल की हर और तारीफ की जा रही है। संस्था के लोगों का कहना है कि, इस मुहिम को 'अपना घर किताब घर' नाम दिया गया है, जिसके तहत शहर के मुख्य जगहों पर बॉक्स रखे गए हैं। शहर की तीनों मल्टीलेवल पार्किंग में इन बुक बॉक्स को रखा गया है। अब तक इस मुहिम के जरिये करीब 10 हजार किताबें जमा कराई जा चुकी हैं।

शहर में यहां लगाए जाएंगे बुक बॉक्स

संस्था के अध्यक्ष वेद आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि, बुक बैंक के माध्यम से अब तक हमें ज्यादातर कक्षा तीसरी से 12वीं तक की किताबें ज्यादा मिली हैं, जिन्हें उसी तरह ज़रूरतमंद बच्चों तक निशुल्क पहुंचाया जा रहा है। कई बच्चे इन्हें हमसे संपर्क करके यहीं से ले जा रहे हैं। फिलहाल ये बुक बॉक्स, बीमा कुंज, जवाहर चौक चित्रगुप्त मंदिर, मारुति नंदन काम्प्लेक्स, रोहित नगर, जुमेराती, बाल बिहार व माता मंदिर में लगाए जाएंगे, जहां पुस्तकें दान की जा सकती हैं। यहां दान की गई पुस्तकों को 1100 क्वार्टर के चित्रगुप्त मंदिर स्थित कार्यालय भेजा जाता है। इसके बाद यहां से ही पुस्तकों का वितरण किया जाता है। टीम के सदस्य सोशल मीडिया व फ्लेक्स के जरिए लोगों को किताब घर की जानकारी दे रहे हैं।