
jagarnath tample file photo
(पत्रिका ब्यूरो,भुवनेश्वर): तीन अक्टूबर को पुरी बंद को लेकर जगन्नाथ मंदिर के सामने ग्रांड रोड व इर्दगिर्द हुए हिंसा के तांडव के आरोप में पुलिस ने अब तक कुल 86 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इनमें से कुछ सेवायत भी शामिल है। सीसीटीवी कैमरे के फुटेज देखकर ये गिरफ्तारियां की गईं।
अभी भी जारी है गिरफ्तारी
मारपीट, संपत्ति की क्षति, श्रीजगन्नाथ प्रशासन का कार्यालय में तोड़फोड़ व राजस्व मंत्री महेश्वर महंति के आवास पर तोड़फोड़ के आरोप में गिरफ्तारियां अभी भी जारी हैं। संदिग्ध लोग भूमिगत हैं। यह जानकारी पुरी के पुलिस अधीक्षक सार्थक षाड़ंगी ने दी। इसी के साथ ही पांच पुलिस कर्मियों को भी निलंबित किया गया है। अब तक गिरफ्तार किए गए लोगों में 15 प्रमुख लोग हैं जिनमें श्रीजगन्नाथ सेना के संयोजक प्रियदर्शन पटनायकस दइतापति विनायक महापात्र भी शामिल हैं। ये लोग जेल में हैं। इनके खिलाफ सिंहद्वार थाने में रिपोर्ट दर्ज करायी गई थी। बीजेपी नेता सोमनाथ खुंटिया, भवानी दास महापात्र, सेवायत दामोदर दास दामोदर महासुर, गोपाल पंडा व वकील प्रसन्नदास पर हिंसा भड़काने का आरोप है। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर इन्हें धरा गया।
पुरी बंद के दौरान हुई थी हिंसा
श्रीमंदिर क्षेत्र के सिंहद्वार थाने में ऐसी कई रिपोर्ट दर्ज हैं जिनमें श्रद्धालुओं को सेवायतों के कारण अपमानित होने के साथ ही पिटना भी पड़ जाता है। वजह सिर्फ वसूली। पीढ़ी दर पीढ़ी सेवा के कार्य में लगे सेवायतों के समर्थक संगठन जगन्नाथ सेना ने श्रीमंदिर सुधार के सुझावों पर अमल करने के विरोधस्वरूप तीन अक्टूबर को पुरी बंद के नाम पर भारी हिंसा की थी। पुलिस, मीडिया कर्मियों और बंदकारियों समेत 26 लोग घायल हो गए थे। फायरिंग तक हुई। अफरातफरी के माहौल में भक्तजन दिन भर भूखे प्यासे रहे। बाजार, वाहनों की आवाजाही बंद रही। सुधार अमल
करने की पहल करने वाले श्रीमंदिर प्रशासन के कार्यालय में तोड़फोड़ करके उपद्रिवयों ने लूट लिया। राजस्व मंत्री महेश्वर महंति के आवास पर भी तोड़-फोड़ की। पुरी के लोग बताते हैं कि जगन्नाथ मंदिर के सामने इतनी हिंसा पहली बार देखी गई।
कोर्ट ने दिया था यह आदेश
दरअसल सुप्रीमकोर्ट ने ओडिशा सरकार को श्रीजगन्नाथ मंदिर के प्रबंधन में सुधार के लिए पुरी जिला जज के प्रस्तावों को लागू करने के निर्देश दिए थे। आए दिन होने वाली भक्तों की प्रताड़ना की शिकायत को लेकर दर्ज रिटपिटीशन सुनवाई में सुप्रीमकोर्ट के जज आदर्श कुमार गोयल व एस.अब्दुल नजीर की बेंच ने आदेश दिया कि ओडिशा सरकार यह सुनिश्चित करे कि भक्तों से कोई जोर जबर्दस्ती ना हो। सुधार के लिए सिफारिशें लागू करे। यदि कोई आपत्ति है तो कोर्ट में दर्ज करे। पुरी जिला एवं सेशन जज ने कहा था कि थाली और कलश में किसी से दान लेना अवैध है। दान देने वाले हुंडी में पैसा डाल सकत हैं।
श्रीमंदिर प्रशासन के जनसंपर्क अधिकारी लक्ष्मीधर पूजापंडा के अनुसार की 2013 की रिपोर्ट के अनुसार महाप्रभु जगन्नाथ के 36 निजोग के दस हजार सेवायत हैं। श्रीमंदिर प्रबंध समिति के एक सदस्य का कहना है कि सेवायत लोग चढ़ावा तो लेते ही हैं साथ ही सरकार से भी अनौपचारिक रूप से पैसा लेते हैं।
यह हैं सेवायतों की मांगें
जगन्नाथ संस्कृति के जानकार असित महंति बताते हैं कि श्रीजगन्नाथ जी नायाब देवता हैं। रीति के अनुसार जिस सेवायत की जो सेवा निर्धारित है वह वही कर सकता है। सेवायत इस बात का फायदा उठाते हैं। दईतापति निजोग के सहमंत्री विश्ववसु विनायक दास महापात्र का कहना है कि सुप्रीमकोर्ट द्वारा नियुक्त न्यायमित्र गोपाल सुब्रमण्यम से बताया कि सेवायतों को भी अपना पक्ष सुप्रीमकोर्ट के समक्ष रखने का अवसर दिया जाना चाहिए। सेवायतों की ओर से याचिका तैयार की जा रही है। सेवायतों का कहना है कि लाइन लगाकर दर्शन व्यवस्था का आदेश वापस लिया जाए, सेवायतों को डोनेशन लेने का अधिकार मिलना चाहिए, रत्नभंडार की चाबी खोने के मामले की उच्चस्तरीय जांच की जाए, स्वर्गद्वार का पुनरुद्धार किया जाए, सिद्धमहावीर रेलवे क्रासिंग पर ओवर ब्रिज बनाया जाए, श्रीमंदिर परिसर पर सीढि़यों पर पिंडदान और श्राद्ध की परंपरा जारी रहनी चाहिए।
Published on:
21 Oct 2018 03:33 pm
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