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दिल्ली से लौटकर दामोदर राउत पर निर्णय ले सकते हैं नवीन

बीजू पटनायक के साथ काम करने का उनका 40 साल का तर्जुबा है...

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naveen and rawat

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(पत्रिका ब्यूरो,भुवनेश्वर): पूर्व कैबिनेट मंत्री दामोदर राउत का बीजू जनता दल में राजनीतिक भविष्य का फैसला नवीन पटनायक के हाथ में हैं। राउत का मामला निर्णय के लिए पटनायक पर छोड़ा गया है। वह बीजद के अध्यक्ष भी हैं। दिल्ली से वापस आने पर वह कोई कड़ा फैसला ले सकते हैं। इससे बीजू विचार मंच के गठन की संभावनाएं प्रबल हो गई हैं। यह संगठन अब तक ठंडे बस्ते में था। दामोदर राउत इसके सर्वेसर्वा है। बीजू पटनायक के साथ काम करने का उनका 40 साल का तर्जुबा है।


वरिष्ठ नेता दामोदर राउत ने कहा कि यदि बीजू जनता दल को तीन विधायक देवाशीष सामंतराय, अरुण साहू व प्रणय राय के साथ एक अधिकारी चला रहा है। वह एक राजनीतिक व्यक्ति हैं ऐसे किसी दल में भला क्यों रहेंगे जिसे ये लोग चला रहे हैं? यह बीजद नेतृत्व के विरुद्ध षड़यंत्र है जो उचित नहीं है। ऐसे लोगों को पहचान कर दरवाजा दिखा देना चाहिए।


वह कहते हैं कि मंगलवार को नवीन पटनायक को ज्ञापन देने पहुंचे उनके विरोधियों को जगतसिंहपुर जिला अध्यक्ष व एक विधायक ने पांच-पांच हजार रुपया दिया है। यही लोग सीधे विरोध को हवा दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि विधायक प्रशांत मुडली बताएं कि क्यों वह जिला योजना समिति के अध्यक्ष पद पर बैठे हैं। जबकि यह पद जिला परिषद सदस्य का होता है। इस व्यवस्था के चलते जिला परिषद के अध्यक्ष को उनके अधीन काम करना पड़ता है। इस मद 1.14 करोड़ रुपया व्यय करना होता है पर मुडुली ने दामोदर राउत के क्षेत्र में बीते तीन सालों से एक धेला नहीं दिया।


बीजू विचार मंच के पुनर्गठन की संभावनाओं पर उन्होंने कहा कि बीजू शब्द उनके जीवन से जुड़ा है जिस दिन यह शब्द उनके जीवन से हटा तो उनका अस्तित्व ही समाप्त हो जाएगा। वह कहते हैं कि इनमें विष्णुदास समेत कुछेक लोग हैं जिनके विषय में नवीन पटनायक नहीं जानते। दामोदर राउत ने कहा कि यदि पार्टी उनके खिलाफ कार्रवाई करती है तो इससे उन्हें कोई नुकसान नहीं होगा।