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(पत्रिका ब्यूरो,भुवनेश्वर): तितली, नाम से चंचलता ध्वनित होती है। शायद इसीलिए तितली तूफान के मौके पर ओडिशा कुछ लोगों ने उसी दिन जन्मी बेटियों का नाम तितली रख दिया। इससे पहले भी हुडीहुडी, नरगिस, फाइलिन अब बड़ी हो चुकी होंगी। यह कुछ रिवाज है कि जहां एक ओर चक्रवाती तूफान पर आंसू बहा रहे होते तो दूसरी ओर उसी के नाम पर बेटियों का नामकरण होता है।
जानकारी के अनुसार कुछ बेटियों ने गंजाम, नयागढ़, जगतसिंहपुर जिला अस्पताल में जन्म लिया। अस्पताल के ही लोगों ने कहा कि तोमार घोरे तितली आसी गाला…। पर पड़ गया नाम। गंजम में 105 गर्भवती महिलाएं अस्पताल में प्रसव के चलते आयीं। आस्का में सामुदायिक स्वास्थ केंद्र में जन्मी बेटी का नाम सबने एक राय होकर तितली रख दिया। जगतसिंहपुर की अनिता सामल ने अपनी बेटी का नाम तितली रखा। वह गुरुववार की रात दो बजे पैदा हुई थी।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा.अशोक पटनायक ने कहा कि 18 गर्भवती महिलाएं अस्पताल में भरती करायी गयीं जिनमें छह को बेटी हुई। उनके माता पिता व कुछ कर्मी तितली आयी तितली आयी कहने लगे। किसी ने नामकरण ही कर दिया। तबाही से अलग उनके चेहरे पर अपनी तितली को देखकर मुस्कान थी। नयागढ़ के गनिया गांव के देवी प्रसाद दास ने तो बेटी का नाम ही तितली रख दिया। उसकी पत्नी ने तितली के ओडिशा तट से टकराने कुछ ही देर बाद उसकी पत्नी स्वपनारानी ने बच्ची जन्मी। उसका नाम तितली दास रख दिया। रिपोर्ट के अनुसार भुवनेश्वर के कैपिटल अस्पताल में बेटियों ने जन्म लिया कुछ के मातापिता ने उनका नाम तितली रख दिया।
Published on:
12 Oct 2018 06:41 pm
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