
photos of pregnant lady
(पत्रिका ब्यूरो,भुवनेश्वर): क्योंझर में प्रसव पीड़िता को तेलकोई ब्लाक स्थित अस्पताल तक लाने के लिए सोमवार को नाव का सहारा लेना पड़ा क्योंकि बारिश ने ओडिशा के भीतरी क्षेत्र के ज्यादातर कच्चे पक्के रास्ते धो डाले। ग्रामीण क्षेत्रों में रास्ता नहीं होने से एंबुलेंस मौके पर नहीं पहुंच पाती है। प्रसव पीड़ा से छटपटाती महिलाओं को जैसे-तैसे स्वास्थ केंद्रों तक पहुंचाया जाता रहा है।
सापालांजी गांव की चपला पात्रा को रविवार को प्रसव पीड़ा हुई। एंबुलेंस सेवा को फोन किया गया पर रास्ता नहीं होने तथा जगह-जगह पानी भरा होने के कारण एंबुलेंस नहीं आ सकी। जिले की समाकोई नदी भी उफना रही थी। सुरक्षित मातृत्व के लिए अस्पताल में प्रसव जरूरी था। गांव वाले महिला को खाट पर पहले नदी के किनारे तक ले गए वहां पर एक छोटी नाव की व्यवस्था करके उसे अस्पताल पहुंचाया।
चपला की सास ने बताया कि उनकी बहू को नदी के दूसरी तरफ तेलकोई सामुदायिक केंद्र (अस्पताल) तक किसी तरह उसे पहुंचाया गया जहां पर उसने जुड़वा बच्चों को जन्म दिया। दोनों ही स्वस्थ हैं।
इधर केरल में भी बाढ की वजह से लोगों का ऐसा ही हाल है वह हर मूलभूत सुविधा के लिए मोहताज हो गए है। बाढ के कारण मरने वालों की संख्या 12 दिनों में 400 का आंकडा पार कर चुकी है। बाढ प्रभावित इलाकों में रहात कार्य के लिए केंद्र सरकार व अन्य राज्यों की सरकार आगे आई है। बाढ पीड़ितों को वायु सेना के जवानों की और से एयरलिफ्ट करके बचाया जा रहा है।वहीं एनडीआरएफ के दल भी रेस्क्यू कर लोगों को बचा रही है। ऐसे में कई ऐसे केस भी सामने आएं जब गर्भवती महिलाएं बाढ में फंसी रही और जवानों ने अपनी बहादुरी से जलजले के बीच उन्हें बचाकर अस्पताल तक पहुंचाया।
Published on:
20 Aug 2018 03:08 pm
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