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(भुवनेश्वर): राज्य सरकारें और केंद्र सरकार किसानों के भार को कम करने के लिए योजनाएं लाने का दांवा करती है फिर भी भारत के विभिन्न हिस्सों से आए दिन किसानों के आत्महत्या करने के मामले सामने आते रहते है। किसानों की खुदखुशी करने का जो कारण सबसे ज्यादा सामने आता है वह है किसानों पर बढता कर्ज का भार। कर्ज के बोझ से परेशान होकर किसान के जान देने का एक ताजा मामला ओडिशा के बलंगीर से सामने आया है जहां पर एक किसान ने कीटनाशक पीकर अपनी जीवन लिला समाप्त कर ली।
कर्ज अदा न कर पाने डिप्रेशन में था किसान
ओडिशा के बलंगीर में कर्ज में डूबे एक किसान ने कीटनाशक पीकर आत्महत्या कर ली। जिले के तुरुकेला ब्लाक के कामेंमुंडा गांव के किसान शरद माझी ने सोमवार को कीटनाशक पी लिया था। उसे गंभीर हालत में जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां मंगलवार को उसकी मौत हो गई। बताते हैं कि मृतक किसान शरद माझी ने एक साहूकार से अपनी एक एकड़ की फसल के लिए कर्ज लिया था। फसल चौपट हो गई और कर्ज अदा न कर पाने के कारण किसान डिप्रेशन में चला गया था। परिजनों के अनुसार माझी हमेशा कर्ज अदायगी के लिए चिंता किया करता था।
आम की सुखी गुठली खाने महिलाओं की मौत
ओडिशा के कई इलाकों में गरीबी इतनी है कि लोग अपनी भूख को शांत करने के लिए फलों की सूखी गुठलियां खाने को मजबूर है । कभी कभी पेट की आग शांत करने वाली यह गुठलियां मौत का कारण भी बन जाती है। ऐसा ही एक मामला बीते दिनों नवरंग जिले के आदिवासी क्षेत्र से सामने आई थी जहां पर दो आदिवासी महिलाओं की मौत आम की सुखी गुठली खाने से हो गई थी ।
Published on:
22 Aug 2018 04:44 pm
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