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कांग्रेस ने बताया रफाल डील का ओडिशा कनेक्शन,चप्पे-चप्पे पर मोदी सरकार को घेरने की तैयारी

बताते हैं कि कांग्रेस के वार रूम (रकाबगंज दिल्ली) में रफाल डील के विरोध में रणनीति बना ली गयी है और राज्य इकाइयों से जिला व ब्लाक स्तर पर विरोध की मुहिम छेड़ने को कहा गया है...

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(पत्रिका ब्यूरो,भुवनेश्वर): कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की मीटिंग से लौटे ओडिशा प्रदेश कांग्रेस के नेता उत्साहित हैं। फाइटर एयरक्राफ्ट रफाल डील में हुए कथित भ्रष्टाचार को लेकर ओडिशा में कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता राज्य के 30 जिलों व 314 ब्लाकों के हेडक्वार्टर में धरना प्रदर्शन करेंगे। राज्यपाल के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजेंगे। राफल डील पर जनता को जागरूक करने की मुहिम शीघ्र चलायी जाएगी।

वार रूम में रणनीति

बताते हैं कि कांग्रेस के वार रूम (रकाबगंज दिल्ली) में रफाल डील के विरोध में रणनीति बना ली गयी है और राज्य इकाइयों से जिला व ब्लाक स्तर पर विरोध की मुहिम छेड़ने को कहा गया है। यह मुहिम पूरे एक महीने तक चलायी जाएगी। पार्टी के ओडिशा अध्यक्ष निरंजन पटनायक ने बताया कि रफाल डील संबंधी प्रचार सामग्री दिल्ली से भेजी जाएगी। पटनायक ने बताया कि यदि रफाल डील में टेक्नोलॉजी हस्तांतरण शामिल होता तो ओडिशा के कोरापुट में एचएएल में इंजन तैयार किया जाता। यहां के हजारों युवकों को प्रत्यक्ष व परोक्ष रोजगार मिलता। केंद्र सरकार ने अंबानी जैसे पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने तथा अपनी जेब भरने के लिए के लिए युवकों के रोजगार के अवसरों से सौदा किया।

बड़े नेता आएंगे ओडिशा

उनका कहना है कि उनकी पार्टी जनता के सामने सबूत के साथ जाएगी। बताया गया है कि इस सौदे में देश को 41 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। सीनियर लीडरों को लग रहा है कि रफाल सौदे में हुए भ्रष्टाचार के मुद्दे पर मोदी सरकार को घेरा जा सकता है। इसके नतीजे पार्टी के पक्ष में भी हो सकते हैं। कांग्रेस के बड़े नेता देश भर में घूम-घूमकर रफाल डील में भ्रष्टाचार को उजागर करेंगे। ओडिशा के लिए प्रभारी भंवर जितेंद्र सिंह के साथ ही आनंद शर्मा और कपिल सिब्बल का दौरा लगभग तय है। पटनायक बताते हैं कि राहुल गांधी का भी कार्यक्रम मांगा गया है।

क्या है राफल का ओडिशा कनेक्शन

रफाल फाइटर एयरक्राफ्ट डील के ओडिशा कनेक्शन पर बताया जाता है कि कोरापुट जिले के सूनाबेड़ा स्थित एचएएल का इंजन मैन्युफैक्चरिंग, ओवरहालिंग, रिपेयरिंग का बुहत बड़ा कारखाना है। यहां पर मिग सिरीज के विमान तथा सुखोई फाइटर विमान पर काम होता है। मिग हर हाल में 2025 तक पूरी तरह से फेजआउट हो जाएगा। सुखोई पर काम चल रहा है और रूस के फिफ्थ जनरेशन एयरक्राफ्ट पर भी काम होना लगभग तय हो गया था।

एलसीए का सहारा

हाल ही में यह प्रोजेक्ट रिजेक्ट कर दिया गया। एचएएल के उच्च पदस्थ सूत्र बताते हैं कि फिफ्थ जनरेशन पर काम न मिलने से एचएएल को तगड़ा झटका लगा है। रफाल डील पूर्व की भांति होती तो एचएएल सूनाबेड़ा (कोरापुट) का भविष्य चमकने लगता। ओडिशा में युवकों में रोजगार की उम्मीद जगती। रफाल डील करके फिफ्थ जनरेशन एयर क्राफ्ट का भविष्य अंधकार में चला गया। एचएएल सूत्रों का कहना है एलसीए तेजस से एचएएल को उम्मीद है।