
(पत्रिका ब्यूरो,भुवनेश्वर): रॉयल बंगाल टाइग्रेस सुंदरी को आखिरकार ट्रैंक्विलाइजर से बेहोश करने में वन्यप्राणी विशेषज्ञ सफल हो गए। सुंदरी अनुगुल जिले के सतकोसिया टाइगर रिजर्व के निकट माझीपाड़ा गांव में शिव मंदिर के पास देखी गई थी। यह मौका यदि ट्रैंक्विलाइजर टीम चूक जाती है तो हो सकता था कि वह गांव वालों को शिकार बना सकती थी। उसे सतकोसिया के राईगुडा नामक स्थान पर रखा गया है जहां पर उसे एक महीने तक बाड़े में रखा गया था। करीब 11 बजे उसके माझीपाड़ा गांव के पास होने की खबर मिली थी।
तीन टीमों ने मिलकर किया रेस्क्यू
मध्यप्रदेश के कान्हा नेशनल पार्क और बांधव टाइगर रिजर्व के विशेषज्ञ इस ऑपरेशन में ओडिशा वन विभाग वालों के साथ लगाए गए थे। सुंदरी को पकड़ने के प्रयास कई दिनों से चल रहे थे। उसने दो ग्रामवासियों समेत दर्जनों मवेशियों को शिकार बनाया था। वन विभाग ने सुंदरी के आबादी के करीब होने की सूचना पर अलर्ट जारी कर दिया था। सतकोसिया क्षेत्र के 106 गांवों में भारी दहशत थी। उसे ट्रैंक्विलाइजर की मदद से पकड़ने की जानकारी चीफ कंजरवेटर संदीप त्रिपाठी ने दी।
सुंदरी के पहले ढेंकानाल के हिंडोल नंदनिया वन क्षेत्र में जाने की जानकारी मिली थी। गांव वालों से घर के बहर न निकलने की अपील की गई थी। सुंदरी को मध्यप्रदेश के बांधव टाइगर रिजर्व से 28 जून को ओडिशा के सतकोसिया लाया गया था। बाघों की संख्या बढ़ाने के लिए एक राज्य से दूसरे राज्य को टाइगर भेजे जा रहे हैं।
सुंदरी को रास नहीं आया ओडिशा
वन विभाग के सूत्र बताते हैं कि सुंदरी को ओडिशा रास नहीं आया। बताते हैं कि एक बाघ का जोड़ा पहले से सतकोसिया में है। सुंदरी के साथ बाघ के न होने के कारण उसके गांवों की तरफ बढ़ने की बात लोग कहते हैं। सुंदरी ने 21 अक्टूबर को त्रिनाथ साहू नामक किसान को शिकार बनाया तथा इससे पहले 12 सितंबर को एक महिला का शिकार किया था।
Published on:
06 Nov 2018 04:58 pm
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