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भुवनेश्वर

आय से ज्यादा संपत्ति मामले में आरटीओ के यहां विजिलेंस का छापा

आय से अधिक संपत्ति रखने की सूचना पर विजिलेंस ने ढ़ेंकानाल जिले के आरटीओ बसंत कुमार बेहरा के ठिकानों पर छापा मारा। जानकारी के अनुसार आरटीओ पर विजिलेंस की नजर थी

भुवनेश्वरJul 05, 2018 / 08:06 pm

Shailesh pandey

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(महेश शर्मा की रिपोर्ट)
भुवनेश्वर। आय से अधिक संपत्ति रखने की सूचना पर विजिलेंस ने ढ़ेंकानाल जिले के आरटीओ बसंत कुमार बेहरा के ठिकानों पर छापा मारा। जानकारी के अनुसार आरटीओ पर विजिलेंस की नजर थी। एक गोपनीय सूचना के अनुसार आरटीओ बेहरा ने भ्रष्टाचार से बनायी रकम को पांच ठिकानों पर छुपा कर रखा था। विजिलेंस अधिकारियों ने बेहरा के निवास, दफ्तर, ससुराल, भुवनेश्वर वाले मकान व एक अन्य स्थान पर छापा मारी की। रकम और संपत्ति की सही सूचना अब तक बाहर नहीं आ पायी। छापा की कार्रवाई जारी थी।


आइएएस के निवास पर छापा


उधर ग्राम आवास योजना में हुए घोटाले में विजिलेंस कोर्ट में दोषी पाए गए आइएएस अधिकारी विनोद कुमार के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया। उनकी गिरफ्तारी के लिए उनके आवास पर छापा मारा गया। बीते दिन ही आइएएस अधिकारी विनोद कुमार व ओडिशा ग्राम्य आवास विभाग के छह लोगों को विलिलेंस कोर्ट ने सन 2000 में 55 लाख रुपए की हेराफेरी के आरोप में दोषी पाया।


पुनर्वासन के मद में धन की हेराफेरी की


सन 1999 में सुपर साइक्लोन (समुद्री तूफान) में बेघर हुए लोगों को उनके गांवों में घर बनाकर देने के राहत एवं पुनर्वासन के काम में इस आइएएस अधिकारी को लगाया गया था। ओडिशा ग्राम्य आवास विभाग का उन्हें हेड बनाया गया था। उनके नयापल्ली की वीवीआईपी कालोनी आवास में विजिलेंस टीम गई पर वह नहीं मिले। उनके घर से विजिलेंस टीम ने कुछ कागजात भी सील किए। सूत्रों ने बताया कि कोर्ट से समन के बाद भी हाजिर नहीं हुए तो गैरजमानती वारंट जारी किया गया। आइएएस विनोद कुमार पर 1999 के समुद्री तूफान में उजड़े गांवों में मकान बनाने के लिए नियमों को ताक पर रखते हुए अनापशनाप लोन भी बांटने के भी आरोप हैं।


ओएसडी हैं हायर एजूकेशन में


आइएएस अधिकारी विनोद कुमार आजकल हायर एजूकेशन विभाग में आफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी की पोस्ट पर हैं। वह 1999-2000 के दौरान ओडिशा रूरल हाउसिंग डेवलेपमेंट कारपोरेशन में प्रबंध निदेशक थे। प्राइवेट बिल्डरों और व्यक्तिगत लोगों को विनोद ने नियम कानून को ताक पर रखते हुए दरियादिली से लोन बांटे थे। इसी दौरान 55 लाख की हेराफेरी की शिकायत की गई जिसे संज्ञान में लेकर जांच शुरू की गई। पुलिस ने उनके फरार होने की जानकारी दी। उनके परिवार वालों ने बताया कि वह जरूरी काम से बाहर गए हैं। विलिजेंस के अधिकारी निर्मल महंति ने बताया कि उनकी गिरफ्तारी नहीं हुई तो प्रापर्टी अटैच कर ली जाएगी। वह 1989 बैच के आइएएस हैं।

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