Karregutta Naxal Encounter: कर्रेगुट्टा पहाड़ पर 21 दिनों तक चला फोर्स का ब्लैक फॉरेस्ट ऑपरेशन पूरी तैयारी के साथ लांच किया गया। जवानों को पता था कि वह नक्सलियों के सबसे सेफ बेस की ओर बढ़ रहे हैं। इसी आधार पर सारी तैयारियां की गई थीं। जवानों को आईईडी के खतरे से बचने के लिए एडवांस डिटेक्टर दिए गए थे। पहाड़ से जुड़े हर खतरे और चुनौती की पहले डिटेलिंग की गई। इसके बाद उसे जवानों से साझा किया गया।
Karregutta Naxal Encounter: बताया गया कि पहाड़ पर नक्सलियों का इतना नुकसान हुआ है कि वहां पर मिले राशन और दवाइयों को नीचे लाना संभव नहीं था। पहाड़ पर ही सभी सामानों की वीडियोग्राफी कर उन्हें जला दिया गया। ऐसा पहली बार हुआ जब जवानों को नक्सलियों का सामान जलाना पड़ा।