6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Bijnor News: नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी को 20 साल की कैद! बिजनौर कोर्ट ने 28 हजार का जुर्माना भी लगाया

Bijnor Crime News: बिजनौर जिले में एक नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी को 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई है। स्पेशल पॉक्सो एक्ट कोर्ट ने आरोपी पर 28,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है।

2 min read
Google source verification
bijnor court pocso act 20 years jail minor rape convict

Bijnor News: नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी को 20 साल की कैद! Image Source - Pexels

Bijnor court pocso act 20 years jail: उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में पॉक्सो एक्ट के तहत एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया गया है। यहां की एक विशेष अदालत ने एक नाबालिग लड़की से दुष्कर्म करने के दोषी को 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही अदालत ने दोषी पर 28,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है। इस फैसले को बाल यौन शोषण के खिलाफ एक कड़े संदेश के रूप में देखा जा रहा है।

जानें क्या था पूरा मामला?

यह घटना 4 जुलाई 2022 की है। स्योहारा थाना क्षेत्र के मलकपुर बुढेरन गांव में रहने वाले कौशल शर्मा ने एक नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म किया था। पीड़िता के पिता ने तुरंत स्योहारा पुलिस स्टेशन में आरोपी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। अपनी शिकायत में उन्होंने आरोप लगाया कि कौशल शर्मा ने उनकी बेटी के साथ न सिर्फ दुष्कर्म किया बल्कि उसे जान से मारने की धमकी भी दी।

पुलिस और अभियोजन की मजबूत पैरवी

पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल कार्रवाई शुरू की। शुरुआती जांच में पुलिस ने भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 323, 354(क), 370 और पॉक्सो एक्ट की धारा 7/8 के तहत केस दर्ज किया था। हालांकि, गहन जांच और सबूतों के आधार पर पुलिस ने बाद में इसमें धारा 376(AB), 506 और पॉक्सो एक्ट की धारा 5, 6 को जोड़ा, जिससे मामला और भी मजबूत हो गया। इस केस में स्योहारा पुलिस और अभियोजन विभाग ने मिलकर ऑपरेशन कन्विक्शन अभियान के तहत कोर्ट में बहुत मजबूत पैरवी की जिससे आरोपी को सजा दिलाना संभव हो पाया।

ऑपरेशन कन्विक्शन की सफलता

'ऑपरेशन कन्विक्शन' एक ऐसा अभियान है, जिसका मकसद गंभीर अपराधों में दोषियों को जल्द से जल्द सजा दिलाना है। इस अभियान के तहत पुलिस और अभियोजन विभाग मिलकर काम करते हैं ताकि केस की सुनवाई में तेजी आए और पीड़ितों को न्याय मिल सके। इस मामले में, इस अभियान की सफलता साफ नजर आती है।

कोर्ट ने सबूतों और गवाहों के बयानों को ध्यान में रखते हुए 3 सितंबर 2025 को अपना फैसला सुनाया। कोर्ट ने कौशल शर्मा को धारा 323, 506 और पॉक्सो एक्ट की धारा 6 के तहत दोषी पाया, जिसके बाद उसे 20 साल की कैद और 28,000 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई गई।