
बिजनौर। दिसंबर (December) माह के 11 दिन बीत चुके हैं। सर्दी ने अपना सितम दिखाना शुरू कर दिया है। रात में कड़ाके की ठंड पड़ने लगी है। ऐसे में पत्रिका टीम ने बिजनौर (Bijnor) में रैन बसेरे और रेलवे स्टेशन (Railway Station) पर पड़ताल की।
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शेल्टर होम में हैं 50 बेड
जिला प्रशासन की तरफ से बिजनौर के इंदिरा बाल भवन में आश्रय गृह की व्यवस्था की गई है। शेल्टर हाउस में गरीब लोगों के रहने के लिए 50 बेड की व्यवस्था की गई है। ये 20 महिलाओं और 20 पुरुषों के लिए हैं। जबकि 4 दिव्यांगों व चार फैमिली के लिए रखे गए हैं। शेल्टर हाउस में साफ-सफाई के साथ ही सीसीटीवी कैमरे (CCTV Camera) के माध्यम से भी आने-जाने वाले लोगों पर नजर रखी जा रही है। अगर सफाई की बात करें तो शेल्टर हाउस में कहीं भी गंदगी देखने को नहीं मिली।
यह कहा अधिकारी ने
पत्रिका रिपोर्टर ने जब रेलवे स्टेशन का जायजा लिया तो रेलवे स्टेशन के चौराहे पर ना तो कोई अलाव जलता दिखा और ना ही किसी गरीब के रहने के लिए अस्थायी रैन बसेरे की व्यवस्था दिखी। जिला प्रशासन व नगर पालिका ने ठंड से बचने के लिए रेलवे स्टेशन के पास कोई व्यवस्था नहीं की है। जब वहां के लोगों से रैन बसेरा व अलाव के लिए बात की गई तो उन्होंने बताया कि 2 साल पहले यहां पर रैन बसेरा और अलाव की व्यवस्था थी, जो अब नहीं है। इस बारे में बिजनौर के नगर पालिका अधिकारी दुर्गेश त्रिपाठी का कहना है कि उनकी तरफ से रेलवे स्टेशन पर रैन बसेरे की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। आगे जरूरत पड़ी तो विचार किया जाएगा।
Updated on:
12 Dec 2019 12:47 pm
Published on:
12 Dec 2019 12:46 pm
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