
बिजनौर. उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में हाईकोर्ट के आदेश पर पुलिस अधीक्षक ने दो सिपाहियों को सस्पेंड कर दिया है। दोनों सिपाहियों के खिलाफ एक महिला ने प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था। जिसके बाद महिला ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर न्याय की गुहार लगाई थी। हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों की बातों को सुनने के बाद आदेश दिया था। पुलिस अधीक्षक ने हाईकोर्ट के आदेश को मानते हुए दोनों सिपाहियों को सस्पेंड कर दिया।
हाईकोर्ट में लगाई थी सुरक्षा का गुहार
प्रेम विवाह कर युवती अपने पति के साथ बिजनौर में ही रह रही थी। नूरपुर के गोहावर निवासी उर्मी ने गांव के ही कामेंद्र से जनवरी में लव मैरेज कर लिया था। दोनों ने राजधानी लखनऊ के आर्य समाज मंदिर में शादी की। उर्मी ने मायके वालों से खतरा जताते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट से सुरक्षा की गुहार लगाई थी। जिसके बाद हाईकोर्ट ने 15 जुलाई को कामेंद्र और उर्मी को सुरक्षा दिलाने के आदेश दिए। इन आदेशों के बाद भी दंपती को बार-बार डराया जाता रहा। इस संबंध में कई बार दंपत्ति ने पुलिस से गुहार भी लगाई।
दोनों सिपाहियों पर पक्षपात करने का आरोप
जानकारी के अनुसार निलंबित हुए सिपाही की रिश्तेदारी भी गोहावर में है। इसी वजह से दोनों सिपाहियों पर पक्षपात करने और बिना वजह परेशान करने का आरोप लगा था। हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद रोज-रोज की धमकियों से परेशान होकर उर्मी ने दोबारा हाईकोर्ट में दौलतपुर चौकी इंचार्ज समेत तीन पुलिसकर्मियों के खिलाफ याचिका दायर की।
हाईकोर्ट के आदेश पर हुई कार्रवाई
एसपी डॉ. धर्मवीर सिंह ने बताया कि हाईकोर्ट के आदेशों का अनुपालन और नियमानुसार कार्रवाई नहीं करने और पीड़िता को परेशान किए जाने को लेकर नूरपुर की दौलतपुर चौकी के मुख्य आरक्षी राजीव कुमार और आरक्षी सोमवीर को निलंबित कर दिया गया है।
Published on:
07 Oct 2021 01:18 pm
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