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शमशान में चिताओं का अंबार, घंटों इंतजार के बाद हो रहा अंतिम संस्कार

लोगों को काफी इंतजार के बाद ही शव का अंतिम संस्कार करना पड़ रहा है। मरीज़ों को ऑक्सीजन व दवा वक़्त पर न मिलने मरीज़ दम तोड़ रहे है। गंगा बैराज के शमशान घाट पर रोज़ाना 10 से 15 शव पहुंच रहे हैं।

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पत्रिका न्यूज नेटवर्क

बिजनौर। कोरोना वैश्विक महामारी की दूसरी लहर ने ऐसा कहर बरपाया कि रोज़ाना लोगों की मौत हो रही है। सरकारी सिस्टम अपनी बदहाली पर आँसू बहा रहा है तो वहीं गंगा बैराज घाट पर रोज़ाना शवों की राख से गंगा अटने से प्रदूषित होती जा रही है। हालात बद से बदतर हो चले हैं। बिजनौर के गंगा बैराज के श्मशान घाट पर रोजाना 10 से 15 कोरोना लोगो का शव अंतिम संस्कार के लिए पहुंच रहे हैं।

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दरअसल, जनपद में मौतों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। जिसके कारण श्मशान में भी भीड़ नजर आ रही है। लोगों को काफी इंतजार के बाद ही शव का अंतिम संस्कार करना पड़ रहा है। उधर अस्पताल में मरीज़ों को ऑक्सीजन व दवा वक़्त पर न मिलने की वजह से मरीज़ दम तोड़ रहे है। बिजनौर के गंगा बैराज के शमशान घाट पर कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने ऐसा कहर बरपाया की रोज़ाना 10 से 15 शवों की चिता में जलने के लिए परिजन ला रहे है।

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गंगा घाट की रखवाली कर रहे राम सिंह ने अपनी उम्र में कभी इतनी लाशों का रोज़ाना अंबार नही देखा। जितना अब वो अपनी आँखों के सामने लाइन से चिता जलता देख रहे हैं। कैमरे में क़ैद हुई तस्वीरों में गंगा घाट पर 7 लाशें एक साथ लाईन से जलती नज़र आ रही है। श्मशान घाट में लगातार मृतक के परिजन शव को लेकर पहुंच रहे हैं। लेकिन शवों की संख्या ज्यादा होने के कारण शमशान घाट में भी लोगों को अंतिम संस्कार के लिए घंटों बैठना पड़ रहा है। उधर अगर मौत के आंकड़े में कमी नहीं आई तो शमशान घाटों में चिताओं को जलाने के लिए लकड़िया भी कम पड़ जाएंगी।


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