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UP Police डीआईजी की टीम ने मारा छापा, वसूली में लिप्ट इंस्पेक्टर निलंबित, दराेगा गिरफ्तार सिपाही फरार

डीआईजी DIG को शिकायत मिल रही थी कि बिजनौर पुलिस Bijnor police आने-जाने वाले वाहनों से अवैध वसूली करती है। इसी शिकायत पर डीआईजी ने अपनी टीम जांच के लिए भेजी तो पुलिसकर्मी रंगे हाथ ही पकड़े गए।

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Bijnor की वह Police चाैकी जहां हो रही थी अवैध वसूली

पत्रिका न्यूज नेटवर्क

बिजनौर. जफरा पुलिस चौकी से गुजरने वाले लोगों से अवैध वसूली करना पुलिस काे भारी पड़ गया। डीईआजी DIG ने इंस्पेक्टर UP Police Inspector नजीबाबाद को निलंबित करते हुए दरोगा और दो सिपाहियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी है। इतना ही नहीं पुलिस ने आरोपी दराेगा को गिरफ्तार कर लिया है जबकि दाे सिपाही फरार हो गए हैं। अवैध वसूली के मामले में अन्य तीन प्राइवेट लोगों को भी पुलिस ने हिरासत में लिया है। इन सभी को डीआईजी के निर्देश पर कराई गई जांच में अवैध वसूली में लिप्त पाया गया है।

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मुरादाबाद डीआइजी शलभ माथुर के अनुसार पिछले काफी दिनों से बिजनौर के नजीबाबाद थाना क्षेत्र के जफरा चौकी पर तैनात पुलिस कर्मियों द्वारा प्राइवेट लोग लगाकर अवैध वसूली कराए जाने की शिकायतें मिल रही थी। इस शिकायत को लेकर डीआईजी शलभ माथुर ने मुरादाबाद में तैनात इंस्पेक्टर राहुल कुमार, दरोगा नीरज कुमार व लोकेंद्र त्यागी समेत अन्य पुलिसकर्मियों की टीम बनाकर जफरा चौकी मैं तैनात पुलिसकर्मियों द्वारा अवैध वसूली की जांच करने के लिए भेजा था। इस जांच के दौरान पता चला कि जाफरा चौकी में तैनात दरोगा रामेश्वर सिपाही जफरुद्दीन और आशीष समेत तीन अन्य प्राइवेट लोग सचिन, हर्षवर्धन व शाकिर आने-जाने वाले लोगों से 100 से लेकर 500 रुपया तक अवैध तरीके से वसूले जा रहे थे। इस पूरे खेल की जानकारी नजीबाबाद इंस्पेक्टर सत्य प्रकाश को भी थी।

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मुरादाबाद पुलिस ने 17500 जाफरा चौकी से बरामद किए। डीआईजी द्वारा सत्य प्रकाश इस्पेक्टर को निलंबित कर दिया गया है जबकि रामेश्वर के खिलाफ व दोनों सिपाही सहित तीन अन्य प्राइवेट लोगों के खिलाफ 384 व भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के तहत 7 और 13 के तहत कार्रवाई की गई है। इस मामले को लेकर एसपी डॉ धर्मवीर सिंह द्वारा बताया गया कि डीआईजी शलभ माथुर के निर्देश पर ये कार्यवाही हुई है उन्ही के द्वारा पूरे प्रकरण की मीडिया को जानकारी दी जाएगी।