
मुंह से नहीं ये जनाब अपने इस अंग से बजाते हैं बांसुरी, इस अद्भुत कला को देख दंग रह जाएंगे आप, देखें वीडियो-
बिजनौर. मुंह से बांसुरी बजाते हुए तो आपने अाज तक सभी लोगों को देखा होगा, लेकिन क्या कभी आपने किसी को नाक से बांसुरी बजाते हुए देखा है। बिजनौर शहर के रहने वाले सुशिल कर्णवाल को नाक से बांसुरी बजाने में महारत हासिल है। सुशील काफी समय से नाक से बांसुरी बजाकर जिले सहित कई जगहों पर अपनी इस अनोखी कला का प्रदर्शन कर चुके हैं। सुशील पेशे तो व्यापारी हैं, लेकिन अपने काम के साथ उन्हें जब भी समय मिलता है वे अपनी कला से कई जगहों पर दर्शकों का मन मोह लेते हैं।
बागपत जिले के गांव खासपुरा के रहने वाले सुशील कर्णवाल भी बेहद खास हैं। सुशील कर्णवाल बताते हैं कि उनकी पढ़ाई गांव के सरकारी स्कूल में हुई है। बिजनौर वर्धमान काॅलेज से उन्होंने डिग्री हासिल की। सुशील कहते हैं कि उन्हें बचपन से ही बांसुरी बजाने का शौक था। इसलिए जब भी मेला देखने जाते थे तो घर से मिले रुपयों से वे बांसुरी खरीदकर लाते थे। उन्होंने बताया कि 10 वर्ष पहले उनके साथ एक घटना घटी थी। उस हादसे में उनके होठ पर चोट आई तो वे कई माह तक बांसुरी से दूर रहे, लेकिन इसके बावजूद वे बांसुरी से दूर नहीं रह सके। इसके बाद उन्होंने ठाना कि चाहे जो हो जाए वह एक दिन बांसुरी जरूर बजाएंगे। मुंह से बांसुरी बजाने में नाकाम होने के बाद उन्होंने नाक से बांसुरी बजाने का प्रयास किया और इस तरह वे धीरे-धीरे नाक से बांसुरी बजाने में निपुण हो गए। अब वे नाक से बांसुरी की अलग अलग धुन बजाते हैं।
बता दें कि जिले के साथ-साथ आसपास के क्षेत्रों सहित सुशील कर्णवाल लखनऊ महोत्सव में भी अपनी अनोखी कला का प्रदर्शन कर चुके हैं। सुशील के परिवार के साथ-साथ उनके प्रशंसक भी चाहते हैं कि वे अब अपनी काला के जरिये राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने जिले का नाम रोशन करें। खुद को भगवान श्री कृष्ण का भक्त मानने वाले सुशील अब तक सैकड़ों फिल्मी गानों की धुनों के साथ साथ राम चरित मानस और हनुमान चालीस की धुन भी बांसुरी से बजा चुके है। सुशील कर्णवाल कहते हैं कि अक्सर हादसे के बाद लोग अपनी कला का त्याग कर देते हैं, लेकिन 10 वर्ष पहले हुए हादसे ने उन्हें नया जीवनदान दिया है, जिसके कारण लोग उन्हें काफी पसंद करते हैं।
Published on:
26 Oct 2018 01:12 pm
बड़ी खबरें
View Allबिजनोर
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
