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माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने निरस्त किए 734 प्रथम श्रेणी व्याख्याताओं के नियुक्ति आदेश

पदभार ग्रहण नहीं करने पर निदेशालय की कार्रवाई, आरक्षित सूची से मांगे जाएंगे नए नाम

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राजस्थान लोक सेवा आयोग की ओर से चयनित 912 प्रथम श्रेणी व्याख्याताओं की सूची में नियुक्तियां देने के बाद पदभार ग्रहण नहीं करने पर माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने विभिन्न विषयों के 734 प्रथम श्रेणी व्याख्याताओं के नियुक्ति आदेश रद्द कर दिए हैं। इनके स्थान पर निदेशालय आरक्षित सूची में से नए नाम मांगेगा।

राजस्थान लोक सेवा आयोग की ओर से प्रदेश में 12 विषयों के प्रथम श्रेणी व्याख्याताओं का चयन किया गया था। वरिष्ठता सूची के आधार पर इनके नियुक्ति आदेश जारी किए गए थे। इनमें से अधिकतर नहीं कार्यभार ग्रहण नहीं किया।

इनमें अंग्रेजी के 83, गणित के 16, भूगोल के 36, अर्थशास्त्र के 9, हिन्दी के 138, पॉलिटिकल साइंस के 166 पदों पर नियुक्तियां निरस्त करने के आदेश जारी किए गए हैं। इसी तरह दूसरे चरण में संस्कृत के 46, भौतिक विज्ञान के 8, रसायन विज्ञान के 38, जीव विज्ञान के 32 तथा इतिहास के 166 पदों के आदेश निरस्त करने की प्रक्रिया में हैं। दो दिन में इनके आदेश जारी कर दिए जाएंगे।

नई नियुक्ति सूची होगी जारी
नियुक्ति आदेशों के बाद भी जिन विषयों के प्रथम श्रेणी व्याख्याताओं ने पदभार ग्रहण नहीं किया है, उनकी सूचियां तैयार कर ली गई है। ऐसे लोगों की निर्धारित प्रक्रिया के तहत नियुक्तियां रद्द की जा रही हैं। राजस्थान लोक सेवा आयोग के प्रावधान के तहत कार्यभार ग्रहण नहीं करने पर नियुक्तियांं निरस्त होने के बाद ही आरक्षित सूची के नाम भेजे जाते हैं।

जैसे ही कार्यभार ग्रहण नहीं करने वाले अभ्यर्थियों की नियुक्तियां रद्द करने की कार्रवाई पूरी होगी, आरक्षित सूची की वरिष्ठता के आधार पर इन्हीं पदों के लिए नए अभ्यर्थियों की नियुक्ति के आदेश जारी कर दिए जाएंगे।
नूतन बाला कपिला, संयुक्त निदेशक (कार्मिक), मा. शिक्षा निदेशालय बीकानेर

प्रतिनियुक्ति पर चुप्पी साधी
प्रतिबंध के बावजूद प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय के पंजीयन शिक्षा विभागीय परीक्षाएं, एसआईक्यूई, आरटीई विभाग में जिलों के शिक्षकों की प्रतिनियुक्तियों को बरकरार रखने की कवायद चल रही है।
प्रतिबंध के बावजूद प्रतिनियुक्तियों की शिकायत पर निदेशक ने दस्तावेज से जब्त कर सम्बन्धित कुछ लोगों से पूछताछ भी की थी।

बाद में प्रतिनियुक्ति पर आए 36 में से करीब आधे शिक्षकों का साक्षात्कार लिया, अब इस मामले में शिक्षा निदेशालय ने चुप्पी साध ली है। प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय में निदेशक ने ग्रामीण स्वेच्छा सेवा नियम को दरकिनार कर अध्यापकों को निदेशालय में ही प्रतिनियुक्ति पर लगा दिया। नियम विरुद्ध इन शिक्षकों से गैर शैक्षणिक कार्य करवाए जा रहे हैं। वहीं प्रतिबंधित जिलों के शिक्षकों को भी प्रतिनियुक्ति दे दी गई।